NewsClick पर भारत सरकार की कार्रवाई के मामले में अमेरिका ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि वो मानता है कि मीडिया को आजादी मिलनी चाहिए। ये एक अच्छे लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। NewsClick के चीनी लिंक पर अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट का कहना था कि हम इस बारे में कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।
स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें NewsClick मामले का पता लगा है। ये भी मालूम पड़ा है कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ गठजोड़ के मामले में न्यूज पोर्टल के खिलाफ एक्शन लिया गया है। लेकिन हम अभी इस मामले में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। हम केवल इतना कह सकते हैं कि केवल भारत नहीं बल्कि सारे विश्व में मीडिया को मिली आजादी का सम्मान किए जाने की जरूरत है। स्टेट डिपार्टमेंट का कहना था कि मीडिया को मिली आजादी का सम्मान ही एक अच्छे लोकतंत्र की पहचान है।
अमेरिकी अधिकारी वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिकी सरकार दुनियाभर में जीवंत और स्वतंत्र लोकतंत्र में सोशल मीडिया समेत अन्य मीडिया साधनों की मजबूत भूमिका का भी दृढ़ता से समर्थन करती है। पटेल ने कहा कि हम इन मामलों पर दुनियाभर के देशों के साथ ही भारत सरकार के साथ अपनी राजनयिक भागीदारी के जरिये चिंताओं को व्यक्त करते हैं।
अमेरिका का कहना है कि हमने न केवल भारत सरकार, बल्कि अन्य देशों से भी ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही मंचों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत पत्रकारों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अगस्त में प्रकाशित अपनी एक खबर में दावा किया था NewsClick को चीन समर्थक प्रचार के लिए एक भारतीय-अमेरिकी से धन प्राप्त हो रहा है।
दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज मामले में 30 स्थानों पर छापे मारने और विभिन्न पत्रकारों से पूछताछ करने के बाद मंगलवार को ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था।