महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में मौत का सिलसिला जारी है। नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मौत और संभाजीनगर में 10 की मौत अब नागपुर के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 25 मरीजों की मौत हो गई है। ये मौतें यहां के 2 अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट की गई हैं।
नागपुर के मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी गवर्नमेंट कॉलेज (मेयो अस्पताल) के आंकड़ों की जांच करने पर सामने आई जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 25 मरीजों की मौत हो गई है। नांदेड़ हॉस्पिटल डेथ केस की घटना के बाद नागपुर के सरकारी कॉलेज के आंकड़ों की जांच करने पर पता चला है कि पिछले 24 घंटों में 25 मरीजों की मौत हो गई है। इसमें 16 मरीज सरकारी मेडिकल कॉलेज और 9 मरीज इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज के हैं।
इस बीच अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 25 में से 12 मरीजों को अंतिम समय में निजी अस्पतालों से सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। निजी अस्पताल मरीजों की हालत देखकर उन्हें भर्ती कर लेते हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में सभी को भर्ती करना पड़ता है इसलिए मरने वालों की संख्या ज्यादा है। अस्पताल प्रशासन ने यह भी कहा कि प्राइवेट अस्पताल मृत्यु दर कम करने के लिए वेंटिलेटर पर गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अंतिम समय में सरकारी अस्पतालों में भेजते हैं।
शिंदे सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के इस्तीफे की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर है।
इससे पहले महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 मौत दर्ज की गईं। वहीं मराठवाड़ा के ही नांदेड़ स्थित डॉ शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 24 घंटे में 24 मौत दर्ज की गई थीं। इसके बाद 1 से 2 अक्टूबर के बीच सात अन्य मौत दर्ज की गईं जिससे 48 घंटे में कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई थी।