हिमाचल प्रदेश में मंडी से लेकर हमीरपुर के बीच दो लेन के मार्ग दोतरफा तैयार किए जाएंगे। हाल ही में केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन मंत्रालय ने इस राजमार्ग से संबंधित पर्यावरण रिपोर्ट तैयार की है। केंद्र ने हमीरपुर से मंडी के इस गलियारे को भारत माला परियोजना के तहत चिहिन्त किया है और यह देश के हरित गलियारे में शामिल होगा। इस गलियारे की लंबाई 142 किलोमीटर होगी। इस परियोजना को विश्व बैंक की सहायता से लागू किया जा रहा है।
मार्ग का 23 किलोमीटर लम्बा हिस्सा मंडी क्षेत्र में आएगा, जबकि बाकी भाग हमीरपुर में होगा। इस मार्ग से दो घंटे में हमीरपुर से मंडी पहुंचा जा सकेगा। यह मार्ग भोरंज, सरका घाट और कोटली से होकर गुजरेगा। इससे हमीरपुर से कुल्लू, मनाली, लाहौल और लेह जाना आसान होगा। इसका सबसे अधिक लाभ हिमाचल के मंडी जिले को होगा।
इस जगह पर मार्ग कई जगह पर एक लेन और संकरा है, जो राज्य में आने वाले पर्यटकों व वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बनता है। मंत्रालय के मुताबिक इस मार्ग की मदद से हिमाचल में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। यह मार्ग एक धार्मिक गलियारा है और इसी मदद से अर्धनारीश्वेर मंदिर, अवाह देवी मंदिर, पंचवक्र महादेव मंदिर, शिव देवालय मंदिर पहुंचा जाता है।
इसके अतिरिक्त यह मार्ग चंडीगढ़-मंडी तक जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के बतौर उपयोग किया जा सकेगा। साल भर में इन मंदिरों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर अन्य गतिविधियां जैसे स्थानीय मंडी, 119 मेगावाट क्षमता का बिजली संयंत्र और मशरूम व बांस उद्योग भी विकसित हो रहा है। इसकी मदद से राज्य में रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।
क्यों जरूरी है मार्ग
रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मार्ग का एक बड़ा हिस्सा केवल एकतरफा है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र के दायरे में दो भूस्खलन क्षेत्र पड़ते हैंं जिसमें एक का दायरा करीब दो किलोमीटर और दूसरे का दायरा पांच किलोमीटर है। वर्तमान मार्ग पर सत्तर गांव व क्षेत्र के वाहनों का बोझ है। इसका करीब 11 किलोमीटर का दायरा अधिक वाहन बोझ की वजह से दुर्घटना संभावित क्षेत्र बनाता है।
पूरे मार्ग में 343 तीव्र मोड़ हैं जो कि केवल तीन मीटर के दायरे में हैं। इसके अतिरिक्त मार्ग के तेरह पुलों की हालत भी बेहद खराब है। इस परियोजना से इनका भी सुधार होगा। इस पूरे क्षेत्र में बड़े मार्ग पर पांच बड़े और 71 छोटी जगह हैं, जहां पर मार्ग में सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
तीन राजमार्ग को राहत देगा नया गलियारा
मंत्रालय की योजना के मुताबिक, नए कारिडोर से देश के तीन राजमार्ग को राहत होगी। इन राजमार्ग के तैयार होने पर होशियारपुर जलंधर एनएच 70, चंडीगढ़ पर एनएच 21 और एनएच 88 जुड़ जाएंगे। इसके अतिरिक्त दिल्ली-अमृतसर-कटरा मार्ग पर वाहन चालकों की परेशानियां आसान होंगी।
अधिक जाम वाली जगहों पर यातायात को आसानी से निकाला जा सके, इसके लिए भौगोलिक स्थिति को आधार बनाकर कार्य योजना को लागू किया जाएगा और विभिन्न संकेतक लगाकर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को कम करने की कोशिश की जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक, भविष्य में आनलाइन गूगल मैप पर भी मार्ग को जोड़ दिया जाएगा ताकि इसका प्रयोग कर मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों को राहत मिल सके।
भारत माला परियोजना से संवार रही हैं सड़कें
केंद्र सरकार ने राजमार्ग के सुधार के लिए हाल ही में भारत माला परियोजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पुराने मार्ग की हालत सुधारने और नए रास्ते तलाशने पर काम किया जा रहा है। यह कार्य करीब 550 जिलों में किया जा रहा है। इन परियोजनाओं में करीब 26 किलोमीटर आर्थिक कारिडोर, आठ हजार किलोमीटर इंटर कारिडोर, साढ़े सात हजार किलोमीटर फीडर रोड, करीब 1800 किलोमीटर एक्सप्रेस मार्ग समेत अन्य परियोजना शामिल हैं।