भारत की पहली बियॉन्ड-विजुअल रेंज (BVR) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल एस्ट्रा (ASTRA) से भारत की वायु सेना और मजबूत होगी। यह मिसाइल दिसंबर तक भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल हो सकती है। हाल ही में गोवा के तट से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस ने इसको सफलतापूर्वक दागा। इसके ठीक एक दिन बाद आईएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने एयर मुख्यालय पर एलसीए कार्यक्रम की स्थिति की समीक्षा की।
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मिसाइल प्रक्षेपण लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक किया गया। “परीक्षण के सभी उद्देश्य पूरे हो गए और यह एक आदर्श प्रक्षेपण था।” वायु सेना का यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन को पस्त करने में सक्षम है। फिलहाल वायु सेना 200 मिसाइल का आर्डर दे सकती है।
मिसाइल के सफल प्रक्षेपण में शामिल सभी एजेंसियों की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि इस प्रक्षेपण से तेजस की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और आयातित हथियारों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
मिसाइल एस्ट्रा (ASTRA) एक अत्याधुनिक अत्यधिक चतुराई वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदने और नष्ट करने में सक्षम है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL), अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) और डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। एस्ट्रा मार्क 1 की अधिकतम हेड-ऑन लॉन्च रेंज 100 किलोमीटर, गति 4.5 मैक और लॉन्च क्लीयरेंस 20 किलोमीटर की ऊंचाई (66,000 फीट) तक है।
परीक्षण प्रक्षेपण की निगरानी एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के परीक्षण निदेशक और वैज्ञानिकों के साथ-साथ सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC) और महानिदेशालय के अधिकारियों द्वारा की गई थी। एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (DG-AQA) के बयान में कहा गया है कि विमान की निगरानी चेस तेजस ट्विन-सीटर विमान द्वारा भी की गई थी।