पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी सरकार की उधारी के मुद्दे पर मंगलवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखा। सीएम ने उनको बताया कि 27 हजार करोड़ रुपये की रकम विरासत में मिले कर्ज का ब्याज चुकाने में ही जाया हो गई।
दरअसल, पिछले महीने भगवंत मान ने राज्यपाल से 5 हजार 637 करोड़ रुपये की लंबित ग्रामीण विकास निधि का मुद्दा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ उठाने का आग्रह किया था। पुरोहित ने अपने जवाब में कहा था कि उन्हें पता चला है कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान पंजाब का कर्ज लगभग 50 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। उन्होंने इस रकम के उपयोग का विवरण मांगा था। जिससे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त कर सकें कि धन का उचित उपयोग किया गया।
राज्यपाल के एक पत्र का जवाब देते हुए सीएम ने लिखा कि उनकी सरकार ने लगभग 47 हजार करोड़ रुपये उधार लिये, जिसमें 2022-23 में 32 हजार 447 करोड़ रुपये और अप्रैल से अगस्त 2023 तक 14 हजार 660 करोड़ रुपये शामिल हैं। उन्होंने खर्च के आंकड़ों को साझा करते हुए कहा कि 27 हजार 16 करोड़ रुपये की एक बड़ी राशि उस कर्ज पर ब्याज चुकाने में चली गई जो आपकी सरकार को विरासत में मिली थी।
भगवंत मान ने लिखा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान पिछली सरकारों के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया गया। हमने अपने से पहले की सरकारों की तरफ से नजरअंदाज किए गए संस्थानों या योजनाओं को पटरी पर लाने के लिए ऋण और अपने स्वयं के राजस्व संसाधनों दोनों का उपयोग किया। नए ऋण का उपयोग पूंजीगत संपत्तियों और राज्य में विकास गतिविधियां शुरू करने के लिए किया।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने रूपनगर जिले के चमकौर साहिब में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राज्यपाल को खर्च किए गए एक-एक पैसे का हिसाब दे दिया है। उनका कहना था कि आप सरकार लोगों की बेहतरी के साथ सूबे की आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने की तरफ काम कर रही है।