विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान वह भारतीय दूतावास के कार्यक्रम ‘सेलिब्रेटिंग कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप’ में शामिल हए। अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से ‘इंडिया हाउस’ में जमा हुए सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका के रिश्ते अब तक के इतिहास में सबसे ज़्यादा ऊंचाइयों पर हैं।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इन रिश्तों को एक अलग स्तर तक लेकर जाएगी, ये द्विपक्षीय संबंध चंद्रयान की तरह चांद पर और उससे भी परे पहुंचेंगे।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि G20 की कामयाबी अमेरिका के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब चीजें अच्छी होती हैं, तो हमेशा मेजबान को इसका श्रेय मिलता है। यह उचित भी है लेकिन G20 के सभी सदस्य देश इस आयोजन की सफलता के लिए काम नहीं करते, तो यह संभव नहीं था।’’
विदेश मंत्री ने भारतीय-अमेरिकियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘मैं आज इस देश में हूं, खासकर इसलिए मुझे यह कहना चाहिए कि G20 को सफल बनाने के लिए जो योगदान, जो सहयोग और समझ हमें अमेरिका से मिली, उसकी मैं वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक तौर पर सराहना करना चाहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कहने को सिर्फ यह हमारी सफलता हो सकती है लेकिन मुझे लगता है कि यह G20 राष्ट्रों की सफलता थी। मेरे लिए, यह भारत-अमेरिका साझेदारी की भी सफलता थी।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि ये संबंध चंद्रयान की तरह चंद्रमा तक, शायद उससे भी आगे तक जाएंगे। दोनों देशों के बीच मानवीय संबंध इस द्विपक्षीय संबंध को और अनूठा बनाते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करते हैं। देश एक-दूसरे के साथ राजनीति करते हैं। उनके बीच सैन्य संबंध होते हैं, वे अभ्यास करते हैं और उनके बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, लेकिन जब दो देशों के बीच गहरे मानवीय संबंध हों, तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति होती है। हमारे संबंधों की यही आज अहम विशेषता है।’’