उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं राम लला की तीन मूर्तियां भी बनाई जा रही है। तीनों में से जो सबसे अच्छी मूर्ति होगी, उसे ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें मुख्य अतिथि होंगे।
बताया जा रहा है कि तीनों मूर्तियां अलग-अलग जगह पर बनाई जा रही है और अलग-अलग मूर्तिकार इसका निर्माण कर रहे हैं। पिछले महीने एक व्यक्ति उस स्थल पर पहुंच गया, जहां पर मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि हथियारबंद पुलिस के जवानों ने उसे वापस लौटा दिया। वह व्यक्ति गाजीपुर का था और उसका नाम शांति सिंह था। उसने बार-बार कहा कि एक बार दर्शन कर लेने दो, पता नहीं दोबारा आना हो पाए या नहीं लेकिन पुलिस वालों ने कहा कि यह गुप्त है।
राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र द्वारा स्थापित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मूर्तिकारों के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। वहीं जहां पर इन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है, वहां सुरक्षा में यूपी पुलिस के जवान हथियार लेकर खड़े रहते हैं और 24 घंटे इसकी निगरानी की जाती है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में ट्रस्ट के निर्माण प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने कहा था कि भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति है, और उन्हें एक बच्चे के रूप में दर्शाया गया है, जिसे स्थापित किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद भी काम कर रहा है और उसने मूर्तिकार रंजीत मंडल को अयोध्या से लंका तक भगवान राम के जीवन की विभिन्न चरणों को दर्शाने वाली 151 मूर्तियों को बनाने का काम सौंपा है। रंजीत मंडल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मैंने केवल दूसरों से सुना है कि बगल की कार्यशाला के अंदर भगवान राम की मूर्ति बनाई जा रही है। लेकिन मैं कभी अंदर नहीं गया और वहां पर मूर्तिकार को छोड़कर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।”
वहीं एक सूत्र ने कहा, “मूर्तिकार ने कार्यशाला में एक मेज पर भगवान राम की तस्वीर रखी है, लेकिन मूर्ति को आवरण की एक और परत के नीचे बनाया जा रहा है।” इस कार्यशाला से बमुश्किल 150 मीटर की दूरी पर दूसरी टिन-शीट संरचना है, जहां दूसरी मूर्ति बनाई जा रही है।