जम्मू कश्मीर से अच्छी खबर यह है कि यहां सभी 285 ब्लॉक के 6650 गांवों को ओडीएफ-प्लस घोषित कर दिया गया है। ओडीएफ-प्लस गांव ऐसा गांव होता है जिसे अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बरकरार होता है और यहां हर घर में शौचालय होते हैं। अधिकारियों ने शनिवार कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह एक बड़ी उपलब्धि है। एक अधिकारी ने कहा, “यह उपलब्धि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह प्रत्येक गांव में गंदे पानी और कचरे का खात्मा करेगा और एक बेहतर माहौल बनाएगा।”
प्रत्येक ब्लॉक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयाँ (PWMU) स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से कुछ पूरा होने के अंतिम चरण में हैं। साफ सफाई का खास ख्याल रखा जा रहा है और हर इलाके में सख्त निर्देश भी दिए गए हैं। यह भारत सरकार की एक बेहतरीन योजना है जिसके तहत कई राज्यों में गांवों को ओडीएफ घोषित किया जाएगा।
केंद्र शासित प्रदेश ने 20 जिलों के 285 ब्लॉकों में अपने सभी 6,650 गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस मॉडल घोषित किया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह उपलब्धि नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी के प्रयासों को दिखाती है।
किसी गांव को ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल करने के लिए ओडीएफ प्लस के तीन चरणों से गुजरना होता है, पहला- एस्पायरिंग दूसरा- राइजिंग और तीसरा मॉडल।
इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, पुड्डुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं। इनमें से अंडमान और निकोबार, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, जम्मू- कश्मीर तथा सिक्किम ने ‘ओडीएफ प्लस मॉडल’ का दर्जा हासिल कर लिया है।