खालिस्तानियों ने फिर गंदी हरकत की है। स्कॉटलैंड में ब्रिटिश खालिस्तानियों के एक ग्रुप ने भारतीय राजदूत विक्रम दोराईस्वामी को एक स्थानीय गुरुद्वारे में प्रवेश करने रोका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय राजदूत विक्रम दोराईस्वामी गुरुद्वारे के निमंत्रण पर वहां गए थे, वे जैसे ही वहां पहुंचे पहले से मौजूद खालिस्तानी समर्थकों ने उन्हें रोक लिया। खालिस्तानियों की इस हरकत के बाद भारतीय राजदूत के सुरक्षा गार्ड्स ने उनकी कार को घेर लिया और सुरक्षा स्थितियों को भांपते हुए अपना कार्यक्रम टाल दिया।
टॉइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, शुक्रवार को कट्टरपंथी ब्रिटिश खालिस्तानियों के एक ग्रुप ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में एंट्री करने से रोक दिया। इन खालिस्तानियों में से कुछ ने कहा कि उन्हें इस बात की जैसे ही जानकारी मिली कि विक्रम दोरईस्वामी अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे की गुरुद्वारा समिति के साथ एक मीटिंग करने वाले हैं तो वह तुरंत यहां पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारतीय राजदूत के पास गए और उनसे कहा कि उनका यहां स्वागत नहीं है, जिसके बाद वे यहां से चले गए। इस खालिस्तानी ग्रुप ने कहा, ” हमारी उनसे हल्की नोकझोंक हुई। हमें नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा कमेटी बहुत खुश है। लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है।”
इस वीडियो में एक खालिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से विवाद करता नजर आ रहा है। इसके बाद गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी का व्यक्ति खालिस्तानी से उसका फोन छीनने की कोशिश करता नजर आता है लेकिन असफल रहता है। वीडियो में दो खालिस्तानी भारतीय उच्चायुक्त की कार के पास जाते दिखाई देते हैं, वे उनकी कार खोलने की कोशिश करते हैं लेकिन कार अंदर से बंद होती है। इसके बाद कार पीछे हटती है और क्योंकि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कोई सदस्य हस्तक्षेप नहीं करता है तो वापस चली जाती है।
भारतीय राजदूत को रोके जाने के मामले पर SGPC के जनरल सेक्रेटरी गुरुचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, ” इंग्लैंड के लोग जग्गी जोहाल की अवैध गिरफ़्तारी से नाराज़ हैं। इसीलिए ये सब हो रहा है… हम भारतीय दूतावास से कहना चाहते हैं कि किसी भी तरह का तनाव पैदा न किया जाए… अगर किसी गुरुद्वारे में किसी राजदूत के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो इससे सिखों की प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है … इससे पहले एक राजदूत को पीटा गया था, हम इसका समर्थन नहीं करते… दुनिया भर में सिखों की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है… किसी भी गुरुद्वारे में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन मुझे नहीं पता कि उनके कारण क्या थे। उनकी यात्रा की वजह से किसी भी तनाव से बचने के लिए, उन्होंने उन्हें रोका होगा…”