मणिपुर में हालात एक बार फिर विस्फटोक बन गए हैं. दो बच्चों की मौत के बाद से राज्य में फिर ऐसा तनाव बन गया है कि हर जगह से हिंसा की खबरें आ रही हैं, जगह-जगह आगजनी देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में अब प्रदर्शनकारियों ने सारी हदें पार करते हुए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक आवास को आग के हवाने करने की कोशिश की है।
राहत की बात ये रही कि सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को 100 मीटर पहले ही रोक दिया और फिर बल का इस्तेमाल कर वहां से खदेड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी सीएम के खिलाफ ही मार्च निकालना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया और फिर एक बार संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई। अभी के लिए इम्फाल में स्थिति को नियंत्रण कर लिया गया है, लेकिन कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है और इंटरनेट भी सस्पेंड चल रहा है।
वैसे इससे एक दिन पहले ही प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया था। उस समय वहां कोई मौजूद नहीं रहा, ऐसे में किसी को चोट नहीं आई। लेकिन उस घटना ने प्रशासन की चिंता जरूर बढ़ा दी थी क्योंकि पिछले कुछ महीनों में कई मौकों पर बीजेपी के दफ्तर को निशाना बनाया गया है। इस बार सीधे-सीधे सीएम के पैतृक निवास को निशाना बनाया गया, ऐसे में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इसी स्थिति को देखते हुए केंद्र ने पहाड़ी जिलों में एक अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए AFSPA लागू कर दिया है। वहीं जो दो बच्चों की मौत हुई है, उस केस को भी सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है। वैसे मणिपुर में हिंसा का एक कॉमन पैटर्न भी देखने को मिल रहा है। असल में पिछली बार दो महिलाओं के वायरल वीडियो के बाद से हिंसा शुरू हुई थी, इस बार दो छात्रों की मौत ने माहौल को गरमा दिया है। इसी वजह से कुछ जगहों को छोड़कर सरकार ने भी पूरे राज्य को अशांत घोषित कर दिया है।