पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC देश की राजधानी नई दिल्ली में एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है। इस प्रदर्शन के लिए TMC एक ट्रेन भर कर प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही है। इन प्रदर्शनकारियों में टीएमसी के सभी सांसद, विधायक, पंचायत प्रधान और पंचायत मेंबर शामिल हैं। ये सभी शनिवार को ट्रेन में सवार होकर नई दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। दुर्गा पूजा से दो हफ्ते पहले होने जा रहा TMC का यह प्रदर्शन दो दिनों तक चलने की उम्मीद है।
टीएमसी द्वारा इस प्रदर्शन को ‘फाइट फॉर जस्टिस’ नाम दिया गया है। मोदी सरकार के खिलाफ टीएमसी द्वारा किए जाने वाले इस प्रदर्शन का मकसद केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल को उसके हिस्से की बकाया राशि से कथित तौर पर वंचित करना है। अपने इस प्रदर्शन के लिए टीएमसी द्वारा ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया गया है। यह वही नारा है जो नेताजी सुभाष चंद्र ने कभी INA को दिया था।
TMC को उम्मीद है कि शुक्रवार तक कोलकाता के नेताजी इंडौर स्टेडियम में मनरेगा के 3 से 4 हजार वंचित लाभार्थी जमा हो जाएंगे। शनिवार को ट्रेन हावड़ा रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। TMC के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन के लिए उन्होंने इंडिया गठबंधन से किसी भी तरह का समर्थन नहीं मांगा है। वो खुद दिल्ली में इस प्रदर्शन के लिए जरूरी संसाधन जुटाएंगे।
इससे पहले टीएमसी द्वारा यह ऐलान किया गया था कि उनके सभी नेता और कार्यकर्ता दिल्ली में कृषि भवन का घेराव करेंगे। उनके द्वारा यह दावा किया गया था कि इस काफिले में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल होंगे। हालांकि बाद में पार्टी ने अपने काफिले का साइज यह कहते हुए छोटा कर दिया कि पुलिस द्वारा जरूरी इजाजत न दिए जाने की वजह से प्रदर्शन में सिर्फ सांसद, विधायक, जिला और पंचायत समिति अध्यक्ष और लाभार्थी शामिल होंगे।
दिल्ली में होने वाले इस प्रदर्शन की कॉल टीएमसी के नंबर 2 नेता और पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी अभिषेक बनर्जी द्वारा 21 जुलाई को कोलकाता में टीएमसी के शहीद दिवस पर दी गई थी। उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि वो अपने खर्चे पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिल्ली लेकर जाएंगे। इसके बाद से ही ममता बनर्जी लगातार यह दोहरा रही हैं कि केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के हिस्से के 1.15 लाख करोड़ रुपये रोके हुए हैं। इन योजनाओं में मनरेगा, पीएम आवास जैसी योजनाएं शामिल हैं। टीएमसी का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की हार से बौखलाकर सरकार ने यह धनराशि रोकी है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में मनरेगा के तहत बंगाल को मिलने वाली धनराशि रोक दी थी। इसकी वजह पैसे का गलत इस्तेमाल बताया गया। इस साल की शुरुआत में केंद्र की तरफ से कहा गया कि स्पॉट इंस्पेक्शन के दौरान PMAY में कमियों और अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। इसके बाद इस योजना के तहत दिए जाने वाले फंड को भी रोक दिया गया।
बंगाल सचिवालय में बैठने वाले एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, केंद्र पर सिर्फ मनरेगा के तहत बंगाल सरकार का 7000 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि इस पैसे में से 2900 करोड़ रुपये मजदूरों को दी जाने वाली राशि के तहत आते हैं। हम केंद्र से कई बार कम से कम मजदूरों के पैसे को रिलीज करने की अपील कर चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी का प्रदर्शन महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू होगा। इस प्रदर्शन में न तो ममता बनर्जी और न ही अभिषेक बनर्जी के शामिल होने की उम्मीद है। अभिषेक को टीएमसी ने 3 अक्टूबर को ईडी ने समन किया है और दीदी को डॉक्टर्स ने 10 दिन रेस्ट के लिए कहा है। कहा जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी
टीएमसी की जिले की लीडरशिप को ऑनलाइन मीटिंग ले सकते हैं और उन्हें टीएमसी का संदेश केंद्र तक पहुंचाने के लिए जरूरी निर्देश दे सकते हैं। टीएमसी ब्लॉक अध्यक्षों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे हर ब्लॉक में बीडीओ ऑफिस के सामने बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शन का लाइव टेलीकॉस्ट करें।
टीएमसी के इस प्रदर्शन पर सीपीआई एम के नेता सुजान चक्रबर्ती कहते हैं कि टीएमसी पहले ही बैक फुट पर है। वो सरकारी खर्चे पर दो दिन के लिए दिल्ली मजे करने जा रहे हैं और वहां से खाली हाथ लौटेंगे। बीजेपी के नेता समिक भट्टाचार्य कहते हैं कि केंद्र सरकार ने कभी भी पैसा देने के लिए मना नहीं किया। उनकी तरफ से सिर्फ पार्दर्शिता बरतने के लिए कहा गया। टीएमसी ट्रेन, बस या प्लेन से दिल्ली जा सकती है लेकिन इससे लोगों को कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।