मणिपुर की राजधानी इंफाल में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। मणिपुर के राज्यपाल ने 19 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को छोड़कर, पूरे मणिपुर राज्य को एक अक्टूबर से 6 महीने की अवधि के लिये ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है। राज्य में इंटरनेट सेवा एक बार फिर बंद कर दी गयी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहीं, मणिपुर सरकार हिंसा को काबू में करने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स’ व्यवस्था को अपना सकती है।
मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। एन बीरेन सिंह सरकार हिंसक प्रदर्शनों से जूझ रही है और पूर्वी तथा पश्चिमी इंफाल जिलों में फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है। पिछले दो दिनों में इन प्रदर्शनों में 65 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। जांच में मदद के लिए सीबीआई की एक टीम एक विशेष विमान से यहां पहुंची।
मणिपुर सरकार हिंसा को काबू में करने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स’ वाली व्यवस्था को अपना सकती है। राज्य सरकार चाहती है कि सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय बन पाए। सरकार एक जिले की जिम्मेदारी एक अर्द्धसैनिक बल को देगी। इसके तहत एक जिले में जो कुछ भी होगा उसके लिए उस सुरक्षाबल की जिम्मेदारी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही सिक्योरिटी एडवाइजर इसके लिए सुरक्षाबलों को आदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के पास ज्यादा जवान हैं इसलिए उन्हें ज्यादा जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
अधिकारी के मुताबिक, ये सभी अर्धसैनिक बल राज्य पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे। हालांकि आधिकारिक आदेश अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन इसके जल्द जारी होने की संभावना है। मणिपुर में अलग-अलग सुरक्षाबलों की 200 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ शामिल हैं। चूंकि CRPF के पास अधिक कर्मी हैं, इसलिए संभावना है कि उन्हें एक से अधिक जिलों में तैनात किया जा सकता है।
इस कदम का उद्देश्य जवाबदेही सुनिश्चित करना और बलों के बीच संघर्ष की संभावना को कम करना भी है। किसी विशेष जिले की देखभाल के लिए एक बल होने से कॉर्डिनेशन में मदद मिलेगी और जवाबदेही भी तय होगी। बल किसी विशेष जिले में होने वाली हर चीज के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अलावा एक दूसरे पर आरोप और आपसी अनबन से भी बचा जा सकेगा।