राजस्थान की सभी दो सौ विधानसभा क्षेत्रों की जमीनी हकीकत की पड़ताल भारतीय जनता पार्टी ने डेढ़ महीने पहले ही करवा ली है। वह भी अपने दो सौ विधायकों को वहां भेज कर। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और गुजरात से भेजे गए इन विधायकों ने आठ दिन राजस्थान में प्रवास किया और वहां की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का बारीकी से सर्वे किया। बेहद गोपनीय ढंग से अंजाम दिए गए इस सर्वे की जानकारी भाजपा आलाकमान के अलावा किसी को नहीं हुई।
बात डेढ़ महीने पहले की है। उत्तर प्रदेश से सौ विधायकों को राजस्थान जाने का फरमान सुनाया गया। इन विधायकों को इस बात की जानकारी दी गई कि उनके साथ उत्तराखंड, हरियाणा और गुजरात के विधायकों को भी राजस्थान भेजा जा रहा है। इन दो सौ विधायकों को भाजपा आलाकमान ने निर्देश दिए कि वे राजस्थान पहुंचें और वहां जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें काम करने को कहा गया है, वहां आठ दिनों तक रह कर उस क्षेत्र का बहुत बारीकी से निरीक्षण करें।
राजस्थान में आठ दिनों का प्रवास कर के लौटे एक विधायक ने बताया कि उनसे राजस्थान के विकास और उसमें रह गई कमी के बारे में पड़ताल करने को कहा गया था। साथ ही इस बात की हिदायत भी दी गई थी कि वे प्रत्येक विधानसभा की जनता से सीधा संवाद सथापित करें और उनकी मौजूदा जरूरतों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।
सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी शासित चार राज्यों से राजस्थान पहुंचे दो सौ विधायकों ने अपने आठ दिनों के प्रवास के दौरान जो रिपोर्ट तैयार कर के भाजपा आलाकमान को भेजी है, वह चौंकाने वाली है। नरवाना-जयपुर हाईवे के अलावा पूरे राजस्थान में एकल सड़कें हैं जिनपर डिवाइडर नहीं हैं। टीकर, काटपुतली समेत अधिकांश राज्य राजमार्गों पर बत्ती नहीं लगी थीं। हर घर नल योजना का राजस्थान में बुरा हाल है।
पूरे राजस्थान में पानी की समस्या है। शहरों में भी अधिकांश सड़कों का हाल खस्ता है। राज्यमार्गों पर डग्गामार वाहनों की भरमार है और उसे रोकने वाला कोई नहीं। इतना ही नहीं, राजस्थान के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल खस्ता है। जातीय भेदभाव से राजस्थान की जनता परेशान है। जहां तक रही उद्योग धंधों की बात तो उसका भी कोई पुरसाहाल नहीं।
ऐसी ही तमाम विषमताओं को उजागर करती रिपोर्ट विधायकों ने भाजपा आलाकमान को सौंपी है। उत्तर प्रदेश से राजस्थान गए पांच विधायकों ने बातचीत के दरम्यान बताया कि राजस्थान की जनता में मौजूदा सरकार को लेकर असंतोष अधिक दिखाई दे रहा है। वे विकासवादी बदलाव की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं।
दो सौ विधायकों ने राजस्थान की सभी दो सौ विधानसभाओं का जो सर्वे किया है उसी को आधार बना कर भारतीय जनता पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के पहले अपना घोषणापत्र तैयार करेगी। इस बात की संभावना है कि घोषणापत्र में डबल इंजन की विकासमुख रफ्तार को ध्यान में रख कर पार्टी राजस्थान का चुनावी मैदान मारने की योजना के तहत रणनीति बना रही है।