झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर आदिवासियों को Sarna कोड देने की मांग की है। ये एक धार्मिक कोड है। सोरेन का कहना है कि सूबे में आदिवासियों की तादाद पिछले समय में काफी तेजी से घटी है। लिहाजा ये फैसला लिया जाना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने इसी साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सरना कोड को धार्मिक श्रेणी के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूर कराने का आग्रह किया था।
सोरेन ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की आबादी पिछले आठ दशकों में 38 प्रतिशत से घटकर 26 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व की रक्षा करनी जरूरी है। आज आदिवासियों के समुदाय सरना धार्मिक कोड की मांग कर रहे हैं। ये लोग प्रकृति की पूजा करने वाले हैं। ये आदिवासी समुदाय अपनी पहचान को लेकर आश्वस्त हो सकें, इसके लिए पीएम को कदम उठाना ही होगा। उनका कहना है कि इस दिशा में पहल की जानी बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि वर्तमान में जब कुछ संगठन समान नागरिक संहिता की मांग उठा रहे हैं तो ऐसे में आदिवासियों की इस मांग पर सकारात्मक पहल करनी जरूरी है। इससे पूर्व झारखंड विधानसभा ने जनगणना में सरना को एक अलग धर्म के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया था।
सोरेन ने मोदी को पत्र में लिखा कि आप जानते हैं कि आदिवासियों के कई ऐसे समूह हैं जो खत्म होने के कगार पर हैं। उन्हें सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर संरक्षित नहीं किया गया तो भाषा और संस्कृति के साथ-साथ उनका अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। सोरेन का कहना है कि प्रधानमंत्री को इस मसले पर पहल करके ठोस कदम उठाना चाहिए। आदिवासियों के उत्थान के लिए ये कदम उठाया जाना बेहद जरूरी है।