सुप्रीम कोर्ट की एक नई बेंच तीन अक्टूबर को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में FIR रद्द करने की तेलुगू देशम पार्टी चीफ एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई करेगी। इससे पहले आज जस्टिस एसवीएन भट्टी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
बुधवार को मामला जैसे ही सुनवाई के लिए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस भट्टी की बेंच के सामने आया, जस्टिस खन्ना ने कहा कि मेरे कलीग को इस मामले की सुनवाई में थोड़ी कठिनाई है। हम इसे अगले सप्ताह किसी अन्य बेंच के सामने लिस्ट करने का निर्देश दे रहे हैं। नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने इसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष तुरंत मामले का उल्लेख किया।
सीजेआई की बेंच ने कहा कि वो इस मामले को मंगलवार तीन अक्टूबर को किसी अन्य बेंच के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट करेंगे। बेंच ने कहा कि वह निचली अदालत के जज को नायडू की पुलिस हिरासत संबंधी याचिका पर विचार करने से नहीं रोक सकती।
नायडू ने कौशल विकास निगम में हुए घोटाले को लेकर उनके खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने की याचिका शीर्ष अदालत में दी थी। इससे पहले उनकी इसी तरह की याचिका को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए 23 सितंबर को टॉप कोर्ट का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। आंध्र प्रदेश सीआईडी ने तेदेपा प्रमुख नायडू को 371 करोड़ रुपये के कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया था।
सीआईडी का कहना है कि सीएम रहते नायडू ने कई सारी अनियमितताएं की थीं, जिसकी वजह से सूबे के राजस्व को नुकसान पहुंचा। जबकि नायडू सीआईडी के आरोपों का खंडन करते हैं। उनके वकील का कहना था कि आंध्र सरकार राजनीतिक बदला लेने के लिए नायडू को फंसा रही है। ऐसे तो लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा।