श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में स्थान चिन्हित कर लिया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित करीब 7,000 अतिथि आमंत्रित किए जाएंगे। इस स्थल को इन दोनों समतल किया जा रहा है और मिट्टी की भराई का काम भी चल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले यात्री सुविधा केंद्र को भी विकसित कर लिया जाएगा और पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था की अभी से तैयारी शुरू कर चुका है।
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) की तैनाती शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बल का गठन मंदिरों की सुरक्षा के लिए किया है। मंदिर के साथ ही श्री राम जन्मभूमि पाठ और पुल आदि सुविधाओं को भी पूरा किया जाएगा। इसके लिए अब राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हर 15 दिन में होगी। ट्रस्ट के पदाधिकारी के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी सामंजस्य बनाकर योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं और रोज निरीक्षण कर रहे हैं जिससे निर्माण कार्य समय के पहले पूरा हो जाए। इसके अलावा भी अयोध्या में ठहरने के लिए नए 100 होटल बनाने की भी मंजूरी दे दी गई है।
जिला प्रशासन 5,000 लोगों के ठहरने के लिए अतिथि निवास व्यवस्था भी लागू कर चुका है तथा 5000 कमरे बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा गया है। अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा के पहले अयोध्या में सती दर्शन नगर और गुप्तार घाट को भी आधुनिक रूप से विकसित किया गया है जिससे वहां पर यात्री पहुंचे लेजर शो का भी आनंद ले सकें। नया घाट से गुप्तार घाट के बीच क्रूज का भी संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा।
अयोध्या के अनेक मठ मंदिरों में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं संतों महंतों के भी ठहरने और भोजन की व्यवस्था की तैयारी की जा रही है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता मंदिर व्यवस्था में लगे हुए हैं। कुल मिलाकर जिस प्रकार राम मंदिर आंदोलन के समय अयोध्या भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के ठहरने रहने और खाने की व्यवस्था की जाएगी क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जनवरी माह में है और इस दौरान ठंड से बचाने के बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने रहने में सहयोग करें। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले अयोध्या में छोटी दीपावली 11 नवंबर को भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम भी होगा। इसमें इस बार 21 लाख दिए जलाए जाएंगे। अयोध्या धाम में नवंबर को मेले का माह माना जाता है। इसी माह में 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवंबर को होगा। इसके पहले अयोध्या धाम में राम पथ तथा जन्म भूमि पत्र व भक्ति पथ को पूरा कर लिया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सफल बनाने के लिए विहिप ने भी अपनी संगठनात्मक शक्ति लगनी शुरू कर दी है। अयोध्या में विहिप की दो दिवसीय बैठक हुई जिसमें पूरे देश के कार्यकर्ता बुलाए गए थे और उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी गर्इं हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर राम भक्त पांच दीपक अपने घर की चौखट पर अवश्य जलाएंगे और दीपोत्सव मनाएंगे।
चंपत राय ने कहा की जन्मभूमि मंदिर निर्माण के इस महा अभियान में संतों का अतुलनीय योगदान रहा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी साफ किया कि मंदिर के गर्भ गृह में 16 जनवरी से 24 जनवरी के मध्य रामलला विराजमान हो जाएंगे। पूजन उत्सव में प्रत्येक राज्य की सहभागिता के लिए हर पंथ संप्रदाय और जातियों के संतों से संपर्क किया जा रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या धाम में आने वाले 4000 संतों के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भोजन व आवास की व्यवस्था कराएगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले ही 100 दिन के अंदर राम मंदिर निर्माण का काम दिवस पूरा कर लिया जाएगा। इस समय मजदूरों की संख्या 3,000 के आसपास है जो रात दिन कम कर रहे हैं।
राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य 70 फीसद पूरा हो चुका है। यात्री सुविधा केंद्र 70 फीसद, कुबेर तिल का सुंदरीकरण 50 फीसद, अचल मूर्ति निर्माण का कार्य 70 फीसद, बिजली का काम 50 फीसद, राम जन्मभूमि पाठ का निर्माण 90 फीसद, पार्किंग स्थलों का निर्माण कार्य 80 फीसद पूरा हो चुका है।