संसद में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए मनोज झा ने जो बयान दिया, उसने बिहार की राजनीति में तहलका मचाकर रख दिया है। बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि अगर मैं राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींच लेता और आसन की ओर उछाल देता। इससे पहले बीजेपी विधायक बबलू ठाकुर ने कहा था कि अगर वो संसद में होते तो पलटकर उनका मुंह तोड़ देते।
आनंद मोहन ने कहा, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी, कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना। पूर्व सांसद ने मनोज झा पर हमला बोलते हुए कहा, “आप अगर इतने ही बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो ? जिस सरनेम की आप आलोचना करते हैं पहले उसे छोड़कर आइए।”
आनंद मोहन ने कहा कि आप कहते हैं कि ठाकुर को मारो। आप ठाकुर को कहां -कहां से मारोगे। रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, दर्जनों सैकड़ों कथावाचक 25 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये लेकर इसी ठाकुर को जपकर पेट पालता है। उन्होंने कहा, मंदिर में जहा तुम घंटी बजाते हो, वहां ठाकुर बैठे हुए हैं।
इससे पहले आजतक से बात करते हुए आनंद मोहन ने कहा था, “जब बहस महिला आरक्षण बिल पर चल रही थी तो फिर बीच में ठाकुर कैसे आ गया। जो लोग कहते हैं अपने अंदर के ठाकुर को मारो, वो विधानसभा में बैठा हुआ है, वो न्यायपालिका में बैठा हुआ है, वो संसद में बैठा हुआ है। उनसे मैं कहूंगा कि वो अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें जो पूरे देश को संचालित करता है। ये उस मानसिकता को मारने की जरूरत है।”
इससे पहले बीजेपी के विधायक नीरज बबलू ने कहा था कि अगर वे मेरे सामने बयान देते तो उन्हें पटककर उनका मुह तोड़ देता। नीरज बबलू ने कहा ” ठाकुरों ने देश की रक्षा की है। ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्तान होता। मनोज राजद के कहने पर ऐसे बयान दे रहे हैं।अगर वो मेरे सामने ऐसा बयान देते तो पटककर उनका मुंह तोड़ देता। “
मनोज झा के बयान पर आरजेडी के ही विधायक चेतन आनंद ने हमला बोला। उन्होंने कहा, “ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है। और समाजवाद में किसी किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन है। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
चेतन आनंद ने कहा, राज्यसभा में जब मनोज झा बोल रहे थे तो उन्होंने कविता के जरिए ठाकुर समाज को पूरी तरीके से विलेन के रूप में पेश किया। चेतन आनंद ने कहा कि मनोज झा के बयान से तेजस्वी यादव के राजद को A to Z की पार्टी बनाने के कदम को झटका लगा है। मनोज झा ब्राह्मण हैं इसलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ किसी कविता का इस्तेमाल नहीं किया। हम लोग यह बर्दाश्त नहीं करेंगे, जिस समय मनोज झा राज्यसभा में यह टिप्पणी कर रहे थे, हम अगर उस समय सदन में होते तो वहीं धरने पर बैठ जाते और विरोध प्रदर्शन करते। यह दोगलापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।