मालेगांव मामले में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को सुबह के सत्र में मुंबई की स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वो दोपहर दो बजे कोर्ट में पहुंचीं। स्पेशल जज ने वजह पूछी तो उनका कहना था कि सेहत खराब है। इस वजह से सुबह सोकर नहीं उठ पाती। लिहाजा सुबह के समय केस की सुनवाई ना की जाए तो बेहतर रहेगा। स्पेशल जज एके लाहोटी ने कुछ देर तक उनकी बात पर मंथन किया और फिर सहमति दे दी।
हालांकि उसके बाद अदालत ने सुनवाई को 3 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी आरोपियों को सुनवाई वाले दिन सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश होना होगा। लेकिन व्हील चेयर पर कोर्ट में पहुंची प्रज्ञा ठाकुर ने फिर से कहा कि वो सुबह 11 बजे पेश नहीं हो पाएंगी। स्पेशल जज ने उनकी बात सुनी और फिर बोले कि ठीक है हम आपको आपकी सेहत के हिसाब से एडजस्ट करने की कोशिश करेंगे।
एनआईए कोर्ट की तरफ से 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सातों आरोपियों को सुबह 11 बजे पेश होने का सम्मन भेजा गया था। पांच आरोपी उनसे दो घंटे पहले ही अदालत में पेश हो चुके थे। लेकिन प्रज्ञा ठाकुर दोपहर करीब दो बजे अदालत में पहुंचीं। देरी की वजह का पता लगने के बाद अदालत ने उनके बयान दर्ज करने के लिए मामले को तीन अक्टूबर के लिए मुल्तवी कर दिया।
मालेगांव मामले में प्रज्ञा ठाकुर के साथ लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी सोमवार को अदालत में पेश हुए। सुधाकर द्विवेदी उपस्थित नहीं थे और उनके वकील ने अदालत में पेश नहीं होने के लिए धार्मिक रस्मों का हवाला दिया तथा पेशी से छूट मांगी। अदालत ने उनके अनुरोध अस्वीकार कर 5 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया।
ध्यान रहे कि मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटर साइकिल से बंधे विस्फोटक में धमाका हो जाने पर छह लोगों की मौत हो गई थी। वारदात में तकरीबन 100 लोग घायल हो गए थे। मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने की थी। 2011 में इसे एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था। उसके बाद से सुनवाई चल रही है।