केरल के कोट्टायम में छापा मारने गए पुलिसकर्मियों पर ट्रेंड कुत्तों की फौज ने हमला कर दिया। कोट्टायम पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने ड्रग डीलर होने का संदेह होने पर रविवार रात एक व्यक्ति के घर छापेमारी की। रेड के दौरान पुलिसकर्मियों पर ‘खाकी यूनिफॉर्म’ पहने किसी भी शख्स को काटने के लिए प्रशिक्षित कई हिंसक कुत्तों ने हमला बोल दिया। कुत्तों की मौजूदगी के कारण तलाशी में दिक्कत आई और आरोपी पुलिस से बचने में भी सफल हो गया।
कोट्टायम पुलिस के एंटी नार्कोटिक्स दस्ते ने ड्रग डीलर होने के संदेह में एक व्यक्ति के घर पर रेड डाली। हालांकि इस दौरान ‘खाकी’ पोशाक पहने किसी भी व्यक्ति को काटने के लिए प्रशिक्षित कई हिंसक कुत्तों की मौजूदगी के कारण पुलिसकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कुत्तों की मौजूदगी के कारण तलाशी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हुई और आरोपी कुत्तों के हमलों से बचने की कोशिश में लगे पुलिसकर्मियों की नजर बचा कर भाग निकला।
पुलिस ने कहा कि कुत्तों को काबू में कर लिया गया और घर से 17 किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त किया गया। कोट्टायम के पुलिस अधीक्षक के कार्तिक आईपीएस ने पत्रकारों को बताया कि आधी रात के करीब खोज दल संदिग्ध आरोपी के घर पर पहुंचा। इस दल में निकटवर्ती गांधीनगर थाने के अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि वहां इतने सारे कुत्ते होंगे और वे हिंसक होंगे इसलिए हमें शुरुआत में तलाशी में परेशानी हुई। सौभाग्य से, कोई भी अधिकारी घायल नहीं हुआ।”
एसपी ने बताया, “आरोपी ने कुत्तों को खाकी वर्दी वालों को देखते ही काटने की ट्रेनिंग दी थी। BSF से रिटायर्ड एक शख्स ने आरोपी को कुछ समय के लिए कुत्तों को संभालने का प्रशिक्षण दिया था, लेकिन खाकी पहने हुए किसी व्यक्ति को कुत्तों से कैसे कटवाया जाए जैसे सवाल पूछने पर उसे वहां से निकाल दिया गया।”
जिला पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने यह भी कहा कि आरोपी कुत्ता प्रशिक्षक होने की आड़ में मादक पदार्थ बेच रहा था और उसके घर से 17 किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त हुआ है। अधिकारी ने कहा कि हमें पहले आरोपी को पकड़ना होगा और फिर यह पता लगाना होगा कि क्या इस रैकेट में कोई अन्य भी शामिल था। वहां करीब 13 कुत्ते मौजूद थे और उनके मालिकों की पहचान करने के बाद कुत्तों को उन्हें सौंप दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
SP ने कहा कि हमारी प्रारंभिक जांच के अनुसार आरोपी वहां किराए पर रह रहा था और इलाके में सभी लोग उसे डॉग ट्रेनर के रूप में जानते थे। जब लोग बाहर जाते थे तो लोग अपने कुत्तों को प्रति दिन 1000 रुपये के रेट से उसके पास छोड़ देते थे और वह कुत्तों की देखभाल करता था।