खालिस्तान के मुद्दे पर भारत के साथ विवाद के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए मुश्किलें अब काफी बढ़ गई हैं। कनाडा के नेता प्रातिपक्ष पियरे पोइलिवरे ने पीएम की आलोचना करते हुए कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी डिवीजन से जुड़े एक आरोपी को सम्मानित करना बड़ी भूल है और पीएम को माफी मांगनी चाहिए।
असल में हुआ यह था कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की यात्रा के दौरान कनाडा सांसदों ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी डिवीजन से जुड़े एक आरोपी को सम्मानित किया था। जिसके बाद इसकी तीखी आलोचना हुई। इस पूरे मामले के बाद कनाडा के यहूदी संगठनों ने रविवार को पीएम से माफी मांगने की मांग की है।
कनाडा के नेता प्रातिपक्ष पियरे पोइलिवरे ने एक्स पर लिखा “एफएसडब्ल्यूसी इस बात से हैरान है कि कनाडा की संसद ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों और अन्य लोगों की सामूहिक हत्या का मुजरिम नाजी सेना में सेवा देने वाले यूक्रेनी व्यक्ति का खड़े होकर अभिवादन किया।”
हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोटा ने इस मामले को लेकर माफी मांगी है और कहा है कि उन्हें इस शख्स के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी और वह देश के यहूदियों से माफी मांगते हैं।
दो दिन पहले, स्पीकर एंथनी रोटा ने कनाडाई संसद में 98 वर्षीय यारोस्लाव हुंका को “यूक्रेनी नायक” के रूप में मान्यता दी थी। माफी की मांग करने वाले यहूदी मानवाधिकार समूह फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर के अनुसार हुंका ने द्वितीय विश्व युद्ध में एसएस के 14वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के सदस्य के रूप में कार्य किया था। स्पीकर एंथनी रोटा ने कहा, “मुझे अधिक जानकारी मिली जिससे मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ, मैं यहूदी समुदायों माफी मांगता हूं।”
फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर ने रविवार की शुरुआत में माफी की मांग करते हुए एक बयान जारी कर कहा,”बढ़ती यहूदी विरोधी भावना और और कनाडा की संसद को एक ऐसे व्यक्ति की सराहना करते हुए देखना अविश्वसनीय रूप से परेशान करने वाला है जो यहूदियों और अन्य लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार नाजी सैन्य शाखा वेफेन-एसएस की एक इकाई का सदस्य था।
दरअसल कनाडा के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सैन्य इकाई की ओर से लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति का सम्मान कर दिया था, जिसके बाद यह पूरा मामला खड़ा हुआ। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को निचले सदन को संबोधित किया था। इस दौरान स्पीकर एंथनी रोटा ने जब 98 वर्षीय यारोस्लाव हुंका की ओर ध्यान आकर्षित कराया तो सांसदों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। रोटा ने हुंका को ‘फर्स्ट यूक्रेनियन डिविजन’ के लिए लड़ाई लड़ने वाला युद्ध नायक करार दिया। हालांकि बाद में यह कहकर माफी मांग ली कि उन्हें इसके बारे ज़्यादा जानकारी नहीं थी।