कर्नाटक हाई कोर्ट ने धारवाड़ से कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी की याचिका को खारिज कर दिया है। विधायक विनय कुलकर्णी ने जिले में उनके प्रवेश पर रोक लगाने वाली जमानत की शर्तों में ढील दिए जाने का अनुरोध किया था। कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी 2016 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता योगेश गौड़ा की हुई हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं।
विनय कुलकर्णी ने इस साल मई में जब विधानसभा चुनाव लड़ा था, उस समय भी उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी। विधायक चुने जाने के बाद अब उन्होंने शर्तों में छूट दिए जाने का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका शनिवार को खारिज कर दी।
सीबीआई के वकील प्रसन्ना कुमार ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि विनय कुलकर्णी मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने के गंभीर आरोपों का पहले ही सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि निचली अदालत ने अभी तक मुख्य गवाहों से पूछताछ नहीं की है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले में विनय कुलकर्णी को जमानत देते हुए शर्त लगाई थी कि वह इस संबंध में क्षेत्राधिकार रखने वाली अदालत की अनुमति के बिना धारवाड़ में प्रवेश नहीं करेंगे।
कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी पर भाजपा नेता योगेश गौड़ा की हत्या का आरोप है। योगेश की जून 2016 में हत्या कर दी गई थी। 15 जून 2016 को धारवाड़ में योगेश के जिम के बाहर बाइक पर आए अज्ञात बदमाशों ने उनकी हत्या की थी।जब राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था। अदालत ने विनय कुलकर्णी को जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।
स्थानीय पुलिस के सामने की जांच की और संपत्ति विवाद को इसका कारण बताया था। लेकिन सीबीआई ने हत्या का मकसद राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को लेकर संदेह जताया था। इस मामले में विनय कुलकर्णी के एक रिश्तेदार चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया था। आरोप के अनुसार चंद्रशेखर ने कथित तौर पर मामले के मुख्य आरोपी को हत्या के लिए देसी पिस्तौल की व्यवस्था की थी।