तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में उदयनिधि स्टालिन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही डीएमके नेता ए राजा के खिलाफ भी नोटिस जारी किया गया है।
अदालत ने उदयनिधि स्टालिन से सवाल किया है कि आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया और इसकी क्या जरूरत थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के वकील की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। इस याचिका में मांग की गई थी कि उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान के मामले में FIR होनी चाहिए। याचिका में उदयनिधि स्टालिन और सनातन धर्म विवादिय बयान देने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का आदेश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सत्ताधारी पार्टी डीएमके को भी नोटिस जारी किया गया है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा। साथ ही याची वकील से यह भी कहा कि आपके पास विकल्प था कि पहले हाई कोर्ट जाते। बेंच ने पूछा, “आप यहां क्यों आए? आपको हाई कोर्ट जाना चाहिए। आपकी मांग है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। आपने तो हमें पुलिस थाना समझ लिया है।” इस पर याची का पक्ष रख रहे सीनियर वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हेट स्पीच के कई मामले पहले से पेंडिंग हैं।
वहीं, सनातन पर टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि बीजेपी ने उनकी बात को बढ़ा-चढ़ाकर झूठ फैलाया। उन्होंने कहा कि मैंने सनातन धर्म उन्मूलन नाम के एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। मैं वहां मुश्किल से 5 मिनट तक बोला लेकिन बीजेपी ने मेरी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया और झूठ फैलाया। यह राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बन गई। उदयनिधि ने कहा कि बीजेपी ने मेरे खिलाफ झूठे मामले दायर किये। मेरे सिर पर 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का इनाम घोषित किया गया।
उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, “सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता। उन्हें बस खत्म कर देना चाहिए। हम डेंगू, मलेरिया, मच्छर और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, इन्हें खत्म करना होता है वैसे ही सनातन धर्म को भी खत्म करना होगा।”
वहीं, ए राजा ने उदयनिधि की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा था, “सनातन पर उदयनिधि का नरम रुख था। सनातन धर्म की तुलना तो सामाजिक कलंक जैसी बीमारियों के साथ करनी चाहिए। उन्होंने इसकी तुलना सिर्फ मलेरिया और डेंगू से की है। सनातन की तुलना तो एचआईवी कुष्ठ रोग जैसी सामाजिक बीमारियों से करनी चाहिए।”