एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस ने एनडीए का दामन थाम लिया है। पिछले कई दिनों से इसकी चर्चा चल रही थी, कई लेवल पर बैठकें भी हो चुकी थीं। अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए साफ कर दिया कि जेडीएस इस बार आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ रहने वाली है। यानी कि इंडिया गठबंधन के खिलाफ जो मुकाबला होगा, उसमें बीजेपी और जेडीएस सेम ही पिच से बैटिंग करने जा रही है।
अब बीजेपी के लिए ये कई मायनों में एक बड़ी गुड न्यूज है। असल में जेडीएस कर्नाटक में एक मजबूत पार्टी है, दक्षिण के इलाकों में तो उसकी पकड़ा काफी तगड़ी मानी जाती है। इसके ऊपर वोकलिंगा समुदाय के बीच में पूर्व पीएम देवगौड़ा की वजह से पार्टी की अच्छी लोकप्रियता है। ऐसे में चुनावी मौसम में अब जब बीजेपी को जेडीएस का साथ मिलने जा रहा है, इसका असर जमीन पर भी दिख सकता है। वैसे भी इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी का जितना बुरा सफाया हुआ है, उसे देखते हुए जेडीएस का साथ आना पार्टी की मुश्किलों को कुछ आसान कर सकता है।
जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अमित शाह जी मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि जेडीएस ने एनडीए का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हम उनका खुले दिल से स्वागत करते हैं। अब एनडीए की ताकत और ज्यादा मजबूत हो गई है। वैसे जेडीएस इस बार एनडीए का हिस्सा जरूर बन गई है लेकिन पिछले कुछ समय में कर्नाटक में ही उसकी सियासी जमीन कुछ कमजोर हुई है।
असल में इस बार के जो विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें किंगमेकर का सपने देख रही जेडीएस को मात्र 19 सीटें मिली थीं, वहीं उसका वोट शेयर भी 13 फीसदी के करीब रह गया था। दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 135 सीटें जीत डाली थीं, वहीं बीजेपी का आंकड़ा 66 पर सिमट गया था। उस बदली ही स्थिति के बाद ही बीजेपी को दक्षिण में और वहां भी कर्नाटक में एक भरोसेमंद सहयोगी की तलाश थी। माना जा रहा है कि जेडीएस के आने से पार्टी को कुछ सियासी फायदा तो हो ही सकता है।