नई संसद के साथ ही संसद में कार्यरत कर्मचारियों के लिए नई वर्दी की व्यवस्था लागू हुई है। यह वर्दी कर्मचारियों को पंसद नहीं आ रही है और उनके लिए कई परेशानियां खड़ी कर रही है। अब इस वर्दी को लेकर कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार को घेरा है और मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कपड़े की खराब गुणवत्ता की वजह से नई परेशानियां सामने आई है।
वर्दी में आ रही परेशानी सदन के बाहर खड़े होने वाले कर्मचारियों को हो रही है। संसद के एक कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह वर्दी एक दम सुविधाजनक नहीं है। इस वर्दी के लिए जो कपड़ा प्रयोग किया गया है, वह एक सूटकेस के लिए प्रयोग होने वाले कपड़े जैसा है। वर्दी का रंग बदलने से कोई परहेज नहीं है लेकिन इस वर्दी के लिए प्रयोग किया जाने वाला कपड़ा बदलना जरूरी है।
इससे सुरक्षा कर्मियों से लेकर संसद कर्मियों तक राहत होगी। यह भी जानकारी में आया है कि इस वर्दी के कपड़े की वजह से गर्मी अधिक लगने कारण कई कर्मचारियों के शरीर में खुजली होने की भी शिकायतें सामने आई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि संसद सुरक्षा के बाहर के दायरे में खड़े रहने वाले कर्मचारी खुले प्रांगण में है और दिल्ली में अभी भी तापमान अधिक है और उमस भी।
इसके अतिरिक्त जो भी कपड़े कर्मचारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। उन कपड़ों को निजी कंपनी के माध्यम से क्रम संख्या के साथ तैयार किया गया है। अब तक पहले कर्मचारियों को कपड़े सिलवाने की अनुमति दी जाती थी। इससे कर्मचारियों की वर्दी एकदम सही नाप होती थी।
लेकिन सदन के बाद कई कर्मचारियों के ढीले कपड़े सुरक्षा कर्मचारियों परेशानी का कारण बन रहे हैं। कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नई वर्दी के मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने वर्दी के बदलाव के बारे में विचार करने का आग्रह किया है। इससे पूर्व मनिकम टेगोर ने नई वर्दी की आलोचना की थी।
उन्होंने सवाल किया कि शासक को खुश करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को शोपीस बना दिया गया है। इस सरकार ने वर्दी के लिए 600 संसद सुरक्षा कर्मचारियों में से प्रत्येक से पच्चीस हजार रुपए की कटौती भी की है। भत्ते का मुद्दा कर्मचारी भी उठा रहे हैं। उनके मुताबिक उनके ग्रेड और वर्दी खरीदने के पात्र को तेरह से बीस हजार रुपए का भत्ता दिया जाता था, लेकिन इस बार वर्दी देने की वजह से उसे रोका गया है।
केंद्र सरकार ने नई संसद में मार्शल के लिए सफारी सूट की जगह क्रीम रंग का कुर्ता और पैजामा की व्यवस्था लागू की है।अधिकारियों को क्रीम रंग की कमीज पहननी होती है, जिसपर कमल अंकित है। इन कर्मचारियों को कमीज के ऊपर मैरून रंग की बिना बाजू वाली जैकेट पहननी होती है, जिसके नीचे खाकी रंग की पैंट है।