लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए खेमे में एक बड़ी खुशखबरी आई है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (JDS) ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में जेडीएस एनडीए में शामिल हुई।
हालांकि जेडीएस और बीजेपी का गठबंधन पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी दोनों दल गठबंधन कर कर्नाटक में सरकार चला चुके हैं। लेकिन उसे दौरान बाद में जेडीएस ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया था।
दरअसल 2004 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए थे और किसी पार्टी को बहुत नहीं मिला था। उसे दौरान भाजपा को 79 सीट मिली थी जबकि कांग्रेस को 65 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जेडीएस चुनाव में किंग मेकर बनकर उभरी थी और उसे 58 सीटों पर जीत मिली थी।
चुनावी नतीजे के बाद कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई और धर्म सिंह मुख्यमंत्री बने। लेकिन 2006 में जेडीएस ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जेडीएस ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं 2008 में कुमारस्वामी ने एक बार फिर से इस्तीफा दे दिया।
कहा जाता है कि यह सरकार डेढ़-डेढ़ साल के फार्मूले पर चलेगी। डेढ़ साल कुमारस्वामी मुख्यमंत्री रहेंगे तो वहीं डेढ़ साल बीएस येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे। लेकिन जब बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई, तब जीडीएस ने गठबंधन तोड़ दिया।
कर्नाटक में इस साल मई में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस को बंपर 135 सीटों पर जीत मिली। वहीं भाजपा को 66 और जेडीएस को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई। जीडीएस का यह अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन था। इसके बाद आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने जीडीएस से गठबंधन किया है। माना जाता है कि दोनों के बीच वोट शेयरिंग भी आराम से होगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक में शानदार प्रदर्शन किया और 25 सीटों पर जीत हासिल की। तो वहीं कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई जबकि जीडीएस को भी एक ही सीट पर जीत हासिल हुई। जबकि मांड्या से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। अब बीजेपी कर्नाटक में कोई नुकसान नहीं करना चाहती है। इसलिए उसने जीडीएस के साथ गठबंधन किया है। माना जा रहा है कि जीडीएस चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 24 सीटों पर बीजेपी लड़ेगी और दोनों का लक्ष्य सभी सीटों पर जीत हासिल करना होगा।
2023 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बीजेपी के कई बड़े चेहरों को भी जीत नहीं मिली। सीटी रवि जैसे दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव हार गए। ऐसे में बीजेपी के लिए कर्नाटक में गठबंधन करना जरूरी बन गया था। माना जा रहा है कि जीडीएस के साथ गठबंधन के बाद भाजपा को कर्नाटक में अच्छी जीत मिल सकती है।