कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता थी। इन आरोपों को बहुत गंभीर बताते हुए, अमेरिका ने मामले की जांच के लिए कनाडा के प्रयासों को समर्थन दिया है। अमेरिका ने भारत से आग्रह किया है कि वो जांच में सहयोग करे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा है कि इन रिपोर्टों पर गौर करना चाहिए और उसने इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाया था।
दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया फाइव आइज एलायंस (अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के बीच एक इंटेलिजेंस शेयरिंग मैकनिज़्म) में कनाडा के भागीदार हैं। वहीं, दोनों भारत के रणनीतिक भागीदार भी हैं। हालांकि, भारत ने अभी तक सार्वजनिक रूप से जांच में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी ट्रूडो के आरोपों को परेशान करने वाला बताया और अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और गैर-अहस्तक्षेप के सिद्धांतों का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया। गार्सेटी ने कहा, “इस तरह के आरोप से किसी को भी परेशानी होगी लेकिन एक सक्रिय आपराधिक जांच के साथ, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि अपराधियों को कठघरे में लाया जाए।’’ उन्होंने कहा कि किसीभी नतीजे पर पहुंचने से पहले हम सभी जानकारी जुटाने और जांच की अनुमति देते हैं।