मणिपुर में जारी संघर्ष को चार महीने के करीब हो चुके हैं, लेकिन जमीन पर स्थिति अभी भी विस्फोटक बनी हुई है। आलम ये चल रहा है कि तमाम तरह की सुरक्षा तैयारियों के बावजूद भी ना हिंसा रुक रही है और ना ही संघर्ष की घटनाएं कम होने का का नाम ले रही हैं। अब इसी कड़ी में मणिपुर में एक बार फिर हिंसा हुई है, इस बार पांच लोगों को गिरफ्तार करने की वजह से सारा बवाल शुरू हुआ है।
इस बवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कई लोग पुलिस फायरिंग के बीच भागते दिख रहे हैं। द हिंदू के मुताबिक पुलिस द्वारा पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिनके पास कई तरह के हथियार भी थे। बड़ी बात ये रही कि वो सभी आरोपी पुलिस यूनिफॉर्म में पकड़े गए थे। अब उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही फिर तनाव बढ़ गया और उनकी रिहाई को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ।
इस प्रदर्शन में कई लोकल महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और उनका भी पुलिस के साथ संघर्ष रहा। बताया जा रहा है कि 50 के करीब महिलाओं को हल्की चोटें आई हैं। कई दूसरे लोग भी इस संघर्ष में घायल हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए इम्फाल में 48 घंटे का कड़ा लॉकडाउन लगा दिया गया है, जमीन पर सुरक्षाबलों का पहरा भी ज्यादा कर दिया गया है।
यहां ये समझना जरूरी है कि मणिपुर में पिछले कई महीनों से हिंसा का दौर जारी है। ये मामला राजनीतिक रूप भी ले चुका है और संसद में कई घंटों तक इस पर चर्चा हुई है। असल में मणिपुर में तीन समुदाय सक्रिय हैं- इसमें दो पहाड़ों पर बसे हैं तो एक घाटी में रहता है। मैतेई हिंदू समुदाय है और 53 फीसदी के करीब है जो घाटी में रहता है। वहीं दो और समुदाय हैं- नागा और कुकी, ये दोनों ही आदिवासी समाज से आते हैं और पहाड़ों में बसे हुए हैं। अब मणिपुर का एक कानून है, जो कहता है कि मैतेई समुदाय सिर्फ घाटी में रह सकते हैं और उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में जमीन खरीदने का कोई अधिकार नहीं होगा। ये समुदाय चाहता जरूर है कि इसे अनुसूचित जाति का दर्जा मिले, लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है।
हाल ही में हाई कोर्ट ने एक टिप्पणी में कहा था कि राज्य सरकार को मैतेई समुदाय की इस मांग पर विचार करना चाहिए। उसके बाद से राज्य की सियासत में तनाव है और विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।