संजय गांधी अस्पताल की सरकारी बंदी के बाद चार सौ कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। इसमें आधे से ज्यादा महिलाएं हैं। जिससे बेरोजगार कर्मचारियों ने बुधवार को अमेठी के कलेक्टर राकेश कुमार मिश्र को अस्पताल खुलवाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है। बाकी कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने भी जिलाधिकारी से मिलकर अस्पताल खुलवाने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है।
अमेठी की जनता संजय गांधी अस्पताल को मेडिकल कॉलेज मानती है। इसके चलते सुल्तानपुर, रायबरेली, लखनऊ और इलाहाबाद जाने के पहले अधिकतर लोग संजय गांधी अस्पताल जाते हैं। कारण अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। यही वजह से आपातकालीन सेवा के मरीजों का दिन रात आना जाना लगा रहता है। लेकिन अस्पताल बंद होने से अब मरीज इलाहाबाद, लखनऊ जाने को मजबूर हो गए हैं।
कांग्रेस के पूर्व विधायक दीपक सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और आपातकालीन सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है। संजय गांधी अस्पताल बंद होने से मरीज बेहाल है। जनता परेशान हैं। कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।
यादव महासभा के अध्यक्ष और सपा नेता शिवप्रताप यादव ने कहा कि अमेठी की जनता के लिए संजय गांधी अस्पताल मेडिकल कॉलेज हैं। लेकिन प्रशासन ने एक झटके में बंद कर दिया है। सपा के चौधरी सुखराम यादव ने कहा कि घर के करीब कम पैसों में बेहतर इलाज मिल जाता था। लेकिन अब लखनऊ जाना पड़ेगा। यहां आसपास इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।
भाजपा के एक सीनियर नेता ने कहा कि दोषियों को सज़ा देने के बजाय जनता को सजा सुनाई गई है। अस्पताल सभी के लिए होता है। राजनीति के लिए हजारों मुद्दे पड़े हैं। इससे कांग्रेस को फायदा होगा। अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह एक महिला की मौत के मामले में दो दिन पहले संजय गांधी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिए हैं।
अस्पताल गांधी परिवार से जुड़ा है। इससे संजय गांधी अस्पताल अखबार की सुर्खियां में है। अस्पताल बंद होने के बाद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा और प्रशासक मनोज मट्टू दिल्ली से अमेठी आ गए हैं। जिससे कांग्रेस एक मंच पर आ गई है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी अमेठी आ सकते हैं।
अस्पताल के प्रशासक मनोज मट्टू ने कहा कि रजिस्ट्रेशन बहाली के लिए अदालत जाएंगे। इसके लिए तैयारी हो रही है। लेकिन पहले जिला प्रशासन से मांग की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि सीएमओ बीस साल से इसी जिले में डॉक्टर थे। इसके बाद यही पर सीएमओ बने हैं। इसी लिए बदले की भावना से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित किए हैं। बिना नोटिस का जवाब पाएं रजिस्ट्रेशन निलंबित करना कहां का कानून हैं। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार होता है। लेकिन एकतरफा कार्रवाई की गई है।