लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मात देने के दावे कर रहा इंडिया गठबंधन फिलहाल तो खुद ही एक दूसरे से उलझता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव के लिहाज से सबसे बड़े राज्य यूपी के प्रमुख दलों में शामिल समाजवादी पार्टी ही कांग्रेस के सामने चुनौती पेश करती नजर आ रही है। कहा जा रहा है अखिलेश यादव की पार्टी ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ाने का निश्चय कर लिया है और अब वो इस साल के अंत में होने जा रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अपने विस्तार की तैयारियां कर रही है।
समाजवादी पार्टी की छत्तीसगढ़ यूनिट से जुड़े सूत्रों की मानें तो सपा छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से करीब 40 पर अपनी किस्मत आजमाने का विचार कर रही है। छतीसगढ़ के साथ-साथ सपा एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नुकसान कर सकती है। यहां सपा चुनाव लड़ने का पहले ही ऐलान कर चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में जीतकर भी हारने के बाद कांग्रेस को एमपी से बहुत उम्मीद हैं, वह राज्य की सत्ता से बीजेपी को उखाड़ फेंकने का दावा कर रही है लेकिन सपा यहां उसकी राह में रोड़ा बन सकती है।
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सपा एमपी और छत्तीसगढ़ में अपने प्रत्याशी उतारने की बात कर कांग्रेस पर प्रेशर बनाना चाहती है, जिसका फायदा वह लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सीट शेयरिंग वार्ता के दौरान करना चाहती है। सपा यूपी में इस समय बीजेपी के बाद दूसरे नंबर की पार्टी है। अखिलेश यादव मध्य प्रदेश की दो रिजर्व सीटों- विंध्य क्षेत्र में सीधी जिले की धौहनी और चितरंगी पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुके हैं। ये दोनों ही सीटें यूपी से सटी हैं।
अखिलेश यादव आने वाली 25 सितंबर को छत्तीसगढ़ जाने वाले हैं। यहां वो राज्य में सपा लीडरशिप से विधानसभा चुनाव की रणनीति पर बात करेंगे। छत्तीसगढ़ सपा के एक नेता ने बताया, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष 25 सितंबर को रायपुर आ रहे हैं। हमने उनके भव्य स्वागत, एक छोटे रोड शो और कुछ पब्लिक मीटिंग्स की पूरी तैयारी कर ली है।”
साल 2018 में सपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। ये सभी प्रत्याशी चुनाव हार गए थे। राज्य के सपा अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने दावा किया कि उनकी पार्टी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है और विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी करीब 40 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका इंडिया गठबंधन पर प्रभाव पड़ेगा तो नवीन गुप्ता ने कहा कि इसका फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेना है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से बातचीत के बाद अपने प्रत्याशियों को उतारेगी। उन्होंने कहा, “हम वहां प्रत्याशी उतारेंगे क्योंकि वहां हमारा भी दावा है लेकिन हम कुछ भी करने से पहले बातचीत करेंगे। छत्तीसगढ़ को लेकर कोई भी फैसला इंडिया गठबंधन को दिमाग में रखकर किया जाएगा।
दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि जब अखिलेश छत्तीसगढ़ आएंगे तब वो सीएम भूपेश बघेल से मिलेंगे। एक सपा नेता ने बताया कि सीएम भूपेश बघेल को अखिलेश यादव के रायपुर दौरे के दौरान उनसे मिलने के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दे दी गई है। वो मिलते हैं या नहीं, यह उनपर निर्भर करता है लेकिन हमने उनके ऑफिस को सूचना दे दी है।
उत्तराखंड के बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद दोनों पार्टियों के बीच कुछ खटपट की खबर है। यूपी कांग्रेस ने बागेश्वर की हार के लिए सपा को जिम्मेदार बताया है। यूपी कांग्रेस ने सपा पर गठबंधन धर्म का पालन न करने आरोप लगाया है जबकि कांग्रेस ने घोसी में उसके प्रत्याशी सुधाकर सिंह का समर्थन किया था। सुधाकर सिंह बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह को हराने में सफल रहे। दूसरी तरफ सपा का कहना है कि कांग्रेस ने शिष्टाचार का खुद पालन नहीं किया और बागेश्वर में समर्थन नहीं मांगा जबकि घोसी में हमने ऐसा किया था।
यूपी कांग्रेस के एक नेता ने सपा को सलाह दी है कि उसे कांग्रेस को ऐस राज्यों में नुकसान करने का प्रयास नहीं करना चाहिए, जहां उसे कोई फायदा होने नहीं जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सपा का छत्तीसगढ़ में कोई बेस नहीं है और अब वो वहां चुनाव लड़ना चाहते हैं। देखते हैं क्या होगा? उन्होंने कहा, “अखिलेश जी वहां सीएम से मिलेंगे और मुझे लगता है कि वे इतनी ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर सकते हैं।”