कनाडा में अपनी कमजोर स्थिति को खालिस्तानी समर्थकों के जरिए मजबूत करने की कोशिश में जुटी जस्टिन ट्रूडो सरकार ने एक और गंदी हरकत की है। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने अपने नागरिको को एक ट्रेवल एडवाइजरी जारी कर भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य की यात्रा से परहेज करने के लिए कहा है। कनाडा सरकार ने इसकी वजह राज्य की अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति बताई है।
कनाडा सरकार ने भारत के लिए अपनी ट्रेवल एडवाइजरी में कहा है कि अनप्रेडिक्टेबल सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की यात्रा से बचें। वहां आतंकवाद, उग्रवाद, सिविल अनरेस्ट और किडनैपिंग का खतरा है। एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि इन जगहों में लद्दाख शामिल नहीं है।
इसके अलावा कनाडा ने ट्रेवल एडवाइजरी में अपने नागरिकों से कहा है कि वे अप्रत्याशित सुरक्षा कारओं की वजह से गुजरात, पंजाब और राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से लगते 10 किलोमीटर के इलाके में यात्रा करने से बचें। सीमा के इलाकों को लेकर जारी इस एडवाइजरी में अटारी-वाघा बार्डर का नाम नहीं है।
कनाडा लंबे समय से खालिस्तानियों की सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। कनाडा में खालिस्तानी भारत विरोधी गतिविधियों को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं या यूं कहे कि कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार खालिस्तानियों को खुलकर बढ़ावा दे रही है तो भी गलत न होगा। भारत लंबे समय से कनाडा से खालिस्तानियों और उनके द्वारा चलाए भारत विरोधी अभियानों पर एक्शन की मांग कर रहा है लेकिन जस्टिन ट्रुडो सरकार वोटों के लालच में खालिस्तानियों के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है।
इसी बीच जून महीने में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो जाती है। निज्जर कनाडा का नागरिक था। वह 1996 में कनाडा चला गया था औऱ वहां से खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। बीते दिनों जी20 में हुई फजीहत के बाद अब कनाडा पहुंचने पर खिसियाए जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत का भूमिका बता देते हैं। इतना ही नहीं कनाडा सरकार भारत के डिप्लोमेट को निकाल देती है।
इसके जवाब में भारत सरकार भी कनाडा के राजनायिक को 5 दिन में देश छोड़ने का फरमान सुना देती है। भारत सरकार ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताया है। हालांकि अपने बयान के कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसी वजह से वह बैकफुट पर भी आए हैं। उन्होंने कहा कि है कि वो भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।