चंद्रयान-3 को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। इसरो ने बताया है कि चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट पर आज सूर्योदय हो सकता है। आज यहां धूप निकलने की उम्मीद है। यहीं पिछले महीने भारत के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर उतरे थे। इसरो ने कहा कि 22 सितंबर को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल यह स्लीप मोड में हैं।
बता दें कि 4 सितंबर को इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को सुला दिया था। आम तौर पर चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 दिन (दिनरात मिलाकर) की रात होती है। इस दौरान लैंडर और रोवर दोनों स्लीप मोड में रहे। अगर ISRO विक्रम और प्रज्ञान को उनकी नींद से जगाने में कामयाब हो जाता है तो यह एक उल्लेखनीय इंजीनियरिंग उपलब्धि होगी।
चंद्रयान 3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ के नहीं जागने की स्थिति में क्या होगा, इसका एक परिदृश्य समझाते हुए पोस्ट में आगे कहा गया है कि ‘वर्तमान में, बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर, 2023 को होगा तो उम्मीद जताई जा रही है कि इसका सौर पैनल उस समय सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए तैयार होगा। असाइनमेंट के दूसरे दौर के लिए रोवर और लैंडर के जागने की उम्मीद है। अन्यथा, यह हमेशा के लिए भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहां रहेगा।’
लैंडर और रोवर को चांद पर 14 दिन के लिए कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया था। यह पूछे जाने पर कि इसे क्यों जल्दी स्लीप मोड में भेजा गया? चंद्रयान -3 परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने कहा, ‘हम पहले दो और आखिरी दो दिन नहीं गिन सकते। चंद्र दिवस 22 अगस्त को शुरू हुआ और हमारी लैंडिंग लगभग दूसरे दिन के अंत में थी। वहां से, विक्रम और प्रज्ञान दोनों ने हमारी उम्मीदों से बढ़कर असाधारण प्रदर्शन किया है। मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए हैं, इसलिए इसे स्लीप मोड में डाला गया है।’