लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता गठबंधन ‘इंडिया’ के भीतर सबकुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। गठबंधन के भीतर खटपट की ताजा खबरें बंगाल से आ रही हैं जहां सीट बंटवारे के सवाल पर आम सहमति बनती हुई नहीं दिखाई दे रही है। अगर गौर किया जाए पश्चिम बंगाल की राजनीति और वहां की दो अहम सियासी पार्टियों (कांग्रेस-टीएमएसी) पर तो दोनों एक दूसरे के साथ सीट शेयरिंग के मुद्दे इच्छुक नहीं दिखाई देती हैं।
विपक्षी गठबंधन के सामने सबसे अहम मुद्दा सीट शेयरिंग को लेकर है। जबकि फिलहाल गठबंधन इस मुद्दे को लेकर बहुत सतर्क नहीं दिखाई दे रहा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा है कि वह INDIA गठबंधन के नेता नहीं हैं वह कांग्रेस के नेता और टीएमएस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
बंगाल कांग्रेस इकाई टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को विपक्षी गुट के समर्थन से भी खुश नहीं है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखे पत्र में राज्य पार्टी नेता कौस्तव बागची ने कहा कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी को टीएमसी के साथ एकजुटता नहीं दिखानी चाहिए। पत्र में लिखा है, ”ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमें चोरों के साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए।”
कांग्रेस और टीएमसी के बीच यह टसल फिलहाल राज्य तक सीमित दिखाई देती है। अभिषेक बनर्जी ने राहुल गांधी से मुलाकात की है और ममता बनर्जी का सोनिया गांधी के साथ अच्छा समीकरण है, इसलिए इसे बड़ी तकरार नहीं कहा जा सकता लेकिन टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि चूंकि पार्टी बंगाल में अधिक शक्तिशाली है, इसलिए वह बीजेपी से कड़ी टक्कर लेगी। जब सीपीआई (एम) और टीएमसी के बीच समीकरण की बात आती है तो कहानी अलग नहीं है। सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो ने उस समन्वय समिति का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है जिसमें अभिषेक बनर्जी सदस्य हैं। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला बंगाल और केरल कैडर के दबाव के बाद लिया गया, जो केरल और बंगाल में टीएमसी या कांग्रेस के साथ मंच साझा करने को तैयार नहीं हैं।