दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है। आतिशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि BJP को महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ विधेयक है।”
विधेयक के अनुसार, परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी।
आतिशी ने कहा, “परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को क्यों शामिल किया गया है? इसका मतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाए तथा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए महिला आरक्षण लागू किया जाए।”
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाया गया महिला आरक्षण विधेयक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की ओर से बहुत पहले महिलाओं को दिए गए आरक्षण से प्रेरित है। रंजन ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार आज जो करता है, कल पूरा देश उसे अपनाता है।
रंजन ने कहा, “2006 में बिहार महिलाओं को स्थानीय निकायों और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना। नीतीश कुमार ने नवंबर, 2005 में मुख्यमंत्री पद संभालने के कुछ ही महीनों में यह साहसिक कदम उठाया था।” उन्होंने कहा, “बिहार एकमात्र राज्य है जहां महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। शिक्षा विभाग में 50 प्रतिशत आरक्षण है। नतीजेतन अब हमारे पास दो लाख महिला शिक्षक हैं।”
कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है।
जयराम रमेश ने X पर पोस्ट किया, “चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है।” उन्होंने कहा, “अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। रमेश ने सवाल किया कि यह जनगणना कब होगी?” (इनपुट- PTI)