Congress MLA: उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार रात एक स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक के घर पर हंगामा करने और उन्हें धमकी देने के आरोप में कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अल्मोडा जिले में बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ कृष्ण कांत सिंह मेर की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की, जिन्होंने द्वाराहाट विधायक पर कॉलेज परिसर में प्रवेश करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया था।
रानीखेत सीओ तिलक राज वर्मा ने बताया, ‘विधायक के खिलाफ धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकने के बाद घर में घुसना) और 427 (शरारत पैदा करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि विधायक ने निदेशक के आवास पर हंगामा किया, मारपीट की और धमकी दी।’
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बिष्ट ने भी एक जवाबी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक ने उनके फोन कॉल का जवाब न देकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। वर्मा ने कहा कि हालांकि विधायक की शिकायत पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन इसका उल्लेख जीडी में किया गया है और यह जांच का हिस्सा होगा।
विधायक बिष्ट ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह निदेशक डॉ कृष्ण कांत सिंह मेर के आवास पर गए थे, क्योंकि कॉलेज के कुछ कर्मचारियों ने उनसे मुद्दों के बारे में निदेशक से बात करने और वेतन वृद्धि की मांग करने का अनुरोध किया था।
बिष्ट ने कहा, ‘कॉलेज उत्तराखंड सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है और कई कर्मचारी वेतन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। जब कुछ महीने पहले यहां नए निदेशक (मेर) की पोस्टिंग हुई तो मैंने कर्मचारियों से अनुरोध किया था कि वे अपना विरोध बंद करें और नए निदेशक को कुछ समय दें। शनिवार को मैं कहीं से लौट रहा था तभी कुछ कर्मचारियों ने मुझे रोका और अनुरोध किया कि मैं मेर से बात करिए। मैंने उन्हें फोन मिलाया, लेकिन कॉल जल्द ही कट गई। इसके बाद मैंने उन्हें अपने नंबर से कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।’
उन्होंने कहा कि फिर मैंने कॉलेज निदेशक के घर जाने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला। जब मैंने उनसे बात करने को कहा तो उन्होंने मुझे दफा हो जाने को कहा। ऐसे में किसी को भी थोड़ा गुस्सा आ जाएगा। पुलिस जल्द ही मौके पर पहुंच गई और मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे मुझे निर्देशक से बात करने दें। मैं वहां केवल अपने लोगों की मदद करने के लिए गया था।
बता दें, इस महीने की शुरुआत मे उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति सरकारी अधिकारियों अनादर को लेकर मामले को उठाया था। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव को तलब भी किया था। मीडिया से बात करते हुए खंडूरी ने विधायकों के लिए प्रोटोकॉल बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था। बिष्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे।