आदित्य एल-1 से एक और खुशखबरी दी है। वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करने की जानकारी सामने आने के अगले दिन ही यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया है। अब यह अपनी यात्रा के अंतिम बड़ाव पर पहुंच चुका है। इसे 15 लाख किमी की दूरी तय करनी है। फिलहाल यह पृथ्वी की 50 हजार किमी के गुत्वाकर्षण से बाहर निकला है। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आदित्य-एल1 सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में करीब 2 बजे तय प्रक्रिया के तहत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से आगे निकल गया। इसे पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचने के लिए करीब चार महीने का समय लगेगा।
इसरो में 50 हजार किमी दूर से वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना भी शुरू कर दिया है। सोमवार को इसरो की ओर से इस बारे में बड़ा अपडेट दिया गया। इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। STEPS उपकरण के सेंसरों ने पृथ्वी से 50,000 किमी से भी अधिक की दूरी पर सुप्रा-थर्मल और एनर्जेटिक आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है। यह डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है। इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है। इस अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है।