कोकेरनाग ऑपरेशन में लश्कर आतंकी उजैर खान समेत दो आतंकियों को ढेर किए जाने की खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि एक और का शव अभी निकाला जाना बाकी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक उजैर उन आतंकवादियों के समूह में शामिल है, जिन्होंने 12 सितंबर को गडोल गांव में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम पर घातक हमला किया था, जिसमें सेना के दो वरिष्ठ अधिकारी और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी।
सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान 13 सितंबर को सेना के तीन अधिकारी शहीद हुए थे। इस हमले के जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा टीआरएफ ने ली थी। इस हमले के पीछे स्थानीय आतंकी उजैर खान का हाथ बताया गया था। इस पर सेना ने 10 लाख का इनाम घोषित किया था। जानकारी के मुताबिक यह पिछले साल ही आतंकी संगठन में शामिल हुआ था।
कई सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि उज़ैर ‘उस्मान गाजी’ सरनेम रखकर द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) में शामिल हो गया था। हालांकि यह दावों के मुताबिक कहा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है।
उज़ैर ने 12वीं कक्षा छोड़ने के बाद कुछ साल पहले दक्षिण कश्मीर के एक स्थानीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल वर्क्स में डिप्लोमा हासिल किया था।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान जारी है। सुरक्षा बल उन स्थानों तक पहुंच चुके हैं जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। पहाड़ी इलाके के वन क्षेत्र में कब्जा कर चुके आतंकवादियों के स्थान का पता लगाने के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है। पिछले पांच दिनों से यह सर्च ऑपरेशन जारी है।
रविवार को कोकेरनाग के गडोले के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया गया था। बुधवार को मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक के शहीद होने के बाद से आतंकवादी को लेकर कार्रवाई काफी तेज हो गई है। मुठभेड़ में सेना के अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हिमायूं भट्ट शहीद हो गए थे।