सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झटका दिया है। मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी की तरफ से जारी समन के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट में रिट दायर करने की छूट दे दी।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच के समक्ष सोरेन की तरफ से पेश मुकुल रोहतगी ने दावा किया कि यह पीछे पड़ जाने का मामला है। बेंच ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति दे रहे हैं। याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया। रोहतगी दलील देते रहे लेकिन डबल बेंच ने कहा कि सॉरी- आप हाईकोर्ट के पास जाकर अपनी बात रखिए।
ईडी की तरफ से पेश एएसजी एसवी राजू ने दलील दी कि यह मामला बड़ी संख्या में दिए गए निर्णयों के तहत आता है। सोरेन ने 14 अगस्त को रांची में ईडी के कार्यालय में पेश होने और पीएमएलए के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए समन को चुनौती दी थी। सोरेन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए रक्षा भूमि घोटाले में ईडी के समन को तामील नहीं किया था।
ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से खनन से जुड़े मामले में पिछले साल 17 नवंबर को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। केंद्रीय एजेंसी एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है। इसमें माफिया, बिचौलियों और नौकरशाहों के एक ग्रुप पर 1932 तक के फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है।
ईडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा भी शामिल हैं। सोरेन को ईडी ने शुरुआत में तीन नवंबर 2022 को तलब किया था। लेकिन वह सरकारी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उसके सामने पेश नहीं हुए थे। झामुमो नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी थी।