पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति होने की वजह से मध्य प्रदेश के इंदौर में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धार और इंदौर जिले में सड़कों के टूटने से आवाजाही भी बंद है। इससे दिक्कतें गहरा गई हैं। प्रशासन ने काफी संख्या में लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं प्रभावित क्षेत्रों खरगोन, बरवानी, धार, खंडवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर और इंदौर के कलेक्टरों और दूसरे अफसरों के साथ लगातार संपर्क में हूं। स्थितियां नियंत्रण में हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं। जरूरत पड़ने पर हम सेना और वायु सेना की मदद लेंगे।”
धार के कलेक्टर प्रियांक मिश्रा ने कहा, “पिछले 24 घंटे से पूरे जिले में भारी बारिश हो रही है, मेरा लोगों से आग्रह है कि बेहद ज़रूरी कार्य होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें। शनिवार को सभी कार्यालयों को बंद किया गया है और आज यानि रविवार को जो भी निजी दफ्तर खुलें है उसे बंद रखने को कहा गया है।”
उधर, इंदौर जिले में जारी भारी बारिश के बाद प्रशासन ने पिछले 24 घंटे के दौरान अलग-अलग स्थानों पर फंसे 200 से ज्यादा लोगों की जान बचाई। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। जिलाधिकारी इलैयाराजा टी. ने बताया,‘‘पिछले 24 घंटे में एसडीआरएफ (SDRF) की टीम और होमगार्ड की मदद से 200 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई है। ये लोग भारी बारिश के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंस गए थे।’’ खंडवा में इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए हैं, नर्मदा नदी में पानी छोड़ा गया। मांधाता थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन ने कहा, “सुरक्षा के मद्देनज़र हमने आसपास के लोगों को यहां पर आने से मना किया है और आवाजाही के लिए इस्तेमाल होने वाले ब्रिज को भी बंद किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन लोगों में राऊ तहसील के कलारिया गांव में गम्भीर नदी में बाढ़ के बाद इसके टापू पर फंसे 21 ग्रामीण शामिल हैं। प्रशासन के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राकेश परमार ने बताया कि इन 21 लोगों को नाव भेजकर बचाया गया, जिनमें महिलाएं, बच्चे, मछुआरे और किसान भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक गर्भवती महिला के बारिश में फंसे होने की सूचना पर मेडिकल टीम को उसकी प्रसूति कराने के लिए जीवनरक्षक नाव के जरिये गवला गांव भेजा गया।
उन्होंने बताया कि प्रसूति के बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ हैं। पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर ग्रामीण क्षेत्र में उफनती चोरल नदी में शुक्रवार रात एक वाहन (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल -एसयूवी) बह गया। उन्होंने बताया कि राज्य की पूर्व मंत्री रंजना बघेल के 19 वर्षीय बेटे यश समेत तीन लोग इस वाहन में सवार थे जिन्हें पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बचा लिया।
डीएसपी ने बताया कि यह हादसा तब हुआ, जब चोरल नदी का पानी पुलिया पर होने के बावजूद एसयूवी को इससे गुजारने की कोशिश की गई। भारी बारिश के कारण जिले में जन-जीवन बेहाल हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि कई स्थानों पर घरों में बारिश का पानी घुस गया है तथा राहत एवं बचाव कार्य जारी है। इंदौर मौसम विभाग के अधिकारी हीरालाल खापेडिया (Hiralal Khapedia) के अनुसार शनिवार दोपहर तक कुल 39 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी।