NiKShay Mitra Yojana: निक्षय मित्र योजना के तहत केंद्र सरकार 2025 तक देश से टीबी रोग के खात्मे को लेकर विभन्न उपायों पर काम कर रही है। टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान सहित अन्य संस्थाएं अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं। इसके लिए सरकार ‘निक्षय मित्र’ बनने का मौका दे रही है। या कहें कोई भी व्यक्ति टीबी रोगी को गोद लेकर उनकी सेवा कर सकता है।
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने केंद्र के निक्षय मित्र योजना के तहत अपने गृहनगर गुजरात के पालीताना में सभी टीबी रोगियों को गोद लिया है, लेकिन वह हमेशा घर पर रहने और मासिक पोषण किट वितरित करने में सक्षम नहीं हैं। मंडाविया की अनुपस्थिति में उनके भाई और उनके बच्चे यह जिम्मेदारी संभालते हैं। वे न केवल किट वितरित करते हैं, बल्कि मरीजों से बात भी करते हैं, साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मंत्री को हर महीने का बिल उपल्बध कराया जाए।
पिछले साल शुरू की गई पहल में लगभग एक लाख ऐसे निक्षय मित्रों ने 10 लाख रोगियों को अपनाया। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मनाने के लिए सेवा पखवाड़ा के दौरान उनके प्रयासों को मान्यता दी जाएगी और भविष्य में भी उनकी मदद के लिए प्रतिज्ञा ली जाएगी।
निक्षय मित्र योजना केंद्र सरकार की ऐसी योजना है, जिसके अंतर्गत क्षय रोग से पीड़ित यानी कि ट्यूबरक्लोसिस से पीड़ित व्यक्ति को गोद लिया जाता है। गोद लेने का कार्य कोई भी निजी संस्था, राजनीतिक ग्रुप, संसद या फिर पर्सनल व्यक्ति भी ले सकता है। इस योजना के अंतर्गत आप किसी भी टीबी रोग से पीड़ित को कम से कम एक साल के लिए गोद ले सकते हो और अधिकतम तीन साल के लिए गोद लिया जा सकता है। जिसके तहत आपको उसके खाने-पीने के खर्चे का भुगतान करना होता है।
भारत सरकार ने यह निश्चय किया है कि वर्ष 2025 तक भारत में टीबी को मिटाया जाए। यानी कि वर्ष 2025 तक TB Free India बनाने का संकल्प लिया जा चुका है। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने निक्षय मित्र योजना की शुरुआत की है।