ज्ञानवापी सर्वे को लेकर वाराणसी जिला अदालत ने बड़ा फैसला दिया है। जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक अध्ययन और सर्वेक्षण में हिंदू मंदिर के पाए जाने वाले सभी प्रतीकों और सबूतों को जिला मजिस्ट्रेट की हिरासत में रखने का आदेश दिया है।
राखी सिंह के वकील सौरभ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “श्रृंगार गौरी पूजा मामले (मुकदमा संख्या 18/2022) में मुख्य वादी राखी सिंह द्वारा दायर तीन आवेदनों का निपटारा करते हुए कोर्ट ने एक हिंदू मंदिर के संकेतों और सबूतों के संरक्षण की मांग वाली याचिका पर आदेश जारी किया।”
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील अखलाक अहमद ने कहा, “मुकदमे के बारे में बिना कोई टिप्पणी किए हमने अपनी आपत्तियां विस्तार से प्रस्तुत कीं। हालांकि जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या को सीमित करने और उन क्षेत्रों को सील करने और संरक्षित करने की मांग करने वाले दो अन्य आवेदनों का निपटारा किया।”
गुरुवार को दिए गए अदालत के आदेश में कहा गया, “संबंधित संपत्ति (ज्ञानवापी मस्जिद) का सर्वेक्षण एएसआई द्वारा वैज्ञानिक तरीकों से किया जा रहा है। एएसआई सर्वेक्षण के दौरान मिली उन सभी वस्तुओं को एएसआई देगी जो मामले के तथ्य, हिंदू धर्म, पूजा पद्धति, ऐतिहासिक या पुरातात्विक महत्व से संबंधित होने के कारण महत्वपूर्ण हैं और मामले के निपटारे में मदद करेंगी। डीएम या उनके द्वारा नामित अधिकारी की हिरासत में ये रखे रहेंगे। संरक्षक अधिकारी ऐसी वस्तुओं को सुरक्षित रखेगा और जब भी अदालत उसे बुलाएगी, अदालत के समक्ष पेश करेगी।”
ज्ञानवापी परिसर में आज सर्वे का 41वां दिन है। वजू स्थल को छोड़कर पूरे परिसर का वैज्ञानिक सर्वे जारी है। सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल है। सर्व खत्म होने के बाद एएसआई की टीम एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। 6 अक्टूबर को सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी। सर्वे के दौरान सभी पक्षों और अधिकारियों को इस मामले पर टिप्पणी नहीं करने का आदेश अदालत की ओर से दिया गया है। दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे का काम चल रहा है। वहीं सर्वे से दोनों पक्ष संतुष्ट बताए जा रहे हैं।