पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय धराशायी हो गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। देश में हर जगह बढ़ती महंगाई को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। पेट्रोल की कीमतें 300 रुपये को पार कर गई हैं। इस बीच फेडरेशन ऑफ अमेरिकी साइंटिस्ट ने खुलासा किया है कि गंभीर आर्थिक संकट के बाद भी पाकिस्तान लगातार अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है और उसके हथियारों की संख्या भी बढ़ रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक तमाम मिलिट्री गैरिसन और एयरफोर्स बेस की हालिया सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण करने पर पता चला कि पाकिस्तान ने हाल-फिलहाल में न्यूक्लियर वेपंस के लिए नई लॉन्चर फैसेलिटीज बनाई है।
अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियारों का भंडार है और यह आंकड़ा 2025 तक बढ़कर लगभग 200 पहुंच सकता है। 11 सितंबर को बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स में प्रकाशित न्यूक्लियर नोटबुक कॉलम में वैज्ञानिकों ने कहा कि हमारा अनुमान है कि पाकिस्तान के पास अब लगभग 170 हथियारों का परमाणु हथियार भंडार है। अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी ने 1999 में अनुमान लगाया था कि पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 हथियार होंगे लेकिन तब से कई नए हथियार प्रणालियों को तैनात और विकसित किया गया है, ऐसे में इस संख्या के बढ़ने का अनुमान है।
अमेरिकी वैज्ञानिक ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का पता लगाने के लिए ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया, जो पहले से सार्वजनिक हैं। डीक्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स, डिफेंस बजट एलोकेशन, मिलिट्री परेड और सैन्य अफसरों के स्टेटमेंट का विश्लेषण किया गया। इसके अलावा पाकिस्तानी मिलिट्री गैरिसन और एयरफोर्स बेस की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों का भी विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 5 ऐसे मिलिट्री और एयरफोर्स बेस हैं, जहां पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को जमा कर रहा है। इसमें एकरो, गुजरांवाला, खुज्दर, पानो आकिल और सरगोधा गैरिसन शामिल है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास मौजूद न्यूक्लियर वेपन का ठिकाना कराची में स्थित मसरूर एयरबेस है। इसी एयरबेस में मिराज की 3 स्क्वाड्रन मौजूद है। यहां से 5 किमी दूर पश्चिम-उत्तर इलाके में न्यूक्लियर वेपन का गोदाम है।
पाकिस्तान मसरूर एयरबेस के अलावा मिन्हास कामरा एयरबेस और शहबाज एयरबेस में भी न्यूक्लियर वेपन रखता है। इसके अलावा पाकिस्तान के पास 6 तरह की किलर मिसाइलें हैं जो परमाणु हथियार दागने की क्षमता रखती हैं। इसमें कम दूरी की अब्दाली, गजनवी, शाहीन और नस्र शामिल हैं। वहीं मध्यम दूरी तक मार करने वाली गौरी और शाहीन 2 मिसाइलें हैं। पाकिस्तान परमाणु बम गिराने वाली दो और मिसाइलों पर काम कर रहा है। इनका नाम शाहीन 3 और कई परमाणु बम ले जाने में सक्षम अबाबील मिसाइल।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान 4 नए प्लूटोनियम प्रोडक्शन रिएक्टर पर भी काम कर रहा है। इसके साथ ही एक यूरेनियम रिएक्टर की क्षमता भी बढ़ा रहा है और उसके आसपास नए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। जिससे उसकी क्षमता और बढ़ सकती है। अनुमान है कि 2025 तक पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या 200 तक पहुंच जाएगी।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक पाकिस्तान दो मोर्चे पर काम कर रहा है। एक तरफ परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है, तो दूसरी तरफ नए हथियारों के लिए तेजी से रॉ मैटेरियल भी जुटा रहा है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तान हर साल 14-27 हथियारों के लिए रॉ मैटेरियल इकट्ठा कर रहा है और कम से कम 5 से 10 न्यूक्लियर वॉरहेड्स प्रोड्यूस भी कर रहा है।