28 सदस्यों वाले विपक्षी गठबंधन INDIA ने बुधवार को राज्य स्तर पर बिना किसी समान फॉर्मूले के चुनाव से पहले सीट-बंटवारे की कठिन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया। विपक्षी गठबंधन ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के भोपाल में अपनी पहली संयुक्त सार्वजनिक बैठक आयोजित करने का भी फैसला लिया है।
गठबंधन के सदस्यों में से एक, आम आदमी पार्टी (AAP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने दस उम्मीदवारों की पहली सूची पहले ही घोषित कर दी है। यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस जो मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई लड़ रही है, आप को कुछ सीटें देने पर सहमत होगी। वहीं, दूसरे चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में भी स्थिति वैसी ही है जहां कांग्रेस मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी है।
INDIA गठबंधन के घटक दलों के नेता यह तर्क देते रहे हैं कि सीटों के बंटवारे का फार्मूला अलग-अलग राज्यों की राजनीतिक परिदृश्य के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। यह काफी हद तक पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टियों के प्रदर्शन पर आधारित होगा। बुधवार को दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर आयोजित गठबंधन INDIA की समन्वय समिति की पहली बैठक में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन सीटों पर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए जो पहले से ही गठबंधन के किसी भी सदस्य के पास हैं।
अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा, “हमें उन सीटों पर चर्चा करनी चाहिए जो भाजपा, एनडीए या उन पार्टियों के पास हैं जो इनमें से किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। जो सीटें पहले से ही INDIA के सदस्यों के पास हैं, उन पर चर्चा की नहीं की जानी चाहिए।”
समन्वय समिति ने सीट-बंटवारे के निर्धारण के लिए प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि सदस्य दल बातचीत करेंगे और जल्द से जल्द निर्णय लेंगे। बैठक के बाद पार्टियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया। सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि यह निर्णय आगामी विधानसभा और संसद चुनावों के लिए राज्य स्तर पर सीट-बंटवारे के लिए बातचीत शुरू करने का था। पार्टियां अब तक यह सुझाव देती रही हैं कि उनकी सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव के लिए होगा। पार्टियां अक्टूबर के अंत तक अपनी सीट-बंटवारे की चर्चा खत्म करना चाहती हैं।
पार्टियों ने हालांकि, भाजपा के हिंदुत्व नैरेटिव के जवाब के बदले में आने वाले दिनों में जाति जनगणना की मांग उठाने का फैसला किया। टीएमसी ने गठबंधन की मुंबई बैठक में इस मुद्दे पर कुछ आपत्तियां व्यक्त की थीं। बुधवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि बैठक में मौजूद पार्टियां जाति जनगणना मुद्दे को उठाने पर सहमत हुईं। मांग पर टीएमसी के रुख के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “जो लोग यहां मौजूद हाइन्म ये चीजें तय करते हैं। हम उनसे बात करने जा रहे हैं।”
पार्टियों ने देश भर में संयुक्त सार्वजनिक बैठकें भी आयोजित करने का भी निर्णय लिया। नेताओं ने कहा कि भोपाल बैठक बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दों पर केंद्रित होगी। एक और फैसला था जिसने कांग्रेस के कई नेताओं को चौंका दिया। बयान में कहा गया है कि समन्वय समिति ने मीडिया का एक सब-ग्रुप बनाने का फैसला किया है जो उन एंकरों का नाम तय करेगा जिनके शो में INDIA की कोई भी पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगी।