संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। पिछले एक महीने से चर्चा चल रही है कि इस विशेष सत्र में सरकार एक देश एक चुनाव पर कोई प्रस्ताव ला सकती है। इसी तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड और इंडिया बनाम भारत जैसे मुद्दों पर भी मंथन की उम्मीद लगाई जा रही थी। लेकिन अब जब असल डिटेल सामने आई हैं, ये तमाम अटकलें गलत साबित हो गई हैं।
केंद्र सरकार इस विशेष सत्र में एडवोकेट संशोधन बिल, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पिरियोडिकल्स बिल, पोस्ट ऑफिस बिल और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति सेवा शर्त बिल पेश करने जा रही है। गौर करने वाली बात ये है कि इसमें कहीं भी एक देश एक चुनाव का कोई जिक्र भी नहीं है। इसी तरह यूसीसी को लेकर भी सरकार की तरफ से कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई जा रही।
जानकारी के लिए बता दें कि अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को इसी साल राज्यसभा से पास करवा दिया गया था। अब विशेष सत्र के दौरान इसे लोकसभा में पेश किया जाना है। इसी तरह डाकघर विधेयक भी राज्यसभा में पेश किया जा चुका है, ऐसे में अब विशेष सत्र के दौरान उस पर चर्चा होने जा रही है।
वैसे विपक्ष सरकार के इस एजेंडे से ज्यादा खुश नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साफ कह दिया है कि कोई भी जरूरी मुद्दा नहीं उठाया जा रहा है। अब विपक्ष की तरफ से इस तरह की प्रतिक्रिया इसलिए आ रही है क्योंकि पहले अटकलें थीं कि चार दिनों के भीतर में एक देश एक चुनाव, यूसीसी और इंडिया बनाम भारत जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हो जाएगी। लेकिन यहां सरकार नीति साफ बताती है कि वो हर तरह के विवाद से अभी के लिए बचना चाहती है।