बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि G20 का अध्यक्ष भारत दो साल पहले बन सकता था। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने 2024 चुनाव की खातिर दो देशों से अनुरोध किया था कि वो भारत से पहले समिट की अगुवाई कर लें। स्वामी का कहना है कि मोदी को लगता था कि चुनाव से ऐन पहले आयोजन होने से बीजेपी को चुनाव में फायदा मिलेगा।
स्वामी का कहना है कि भारत अब G20 का अगुवा नहीं है। वहां रोटेशन से अध्यक्षी का फैसला होता है। इसके हिसाब से भारत के हाथ में अब G20 की कमान नहीं है। उनका कहना है कि बीजेपी इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेगी। चुनाव के दौरान पीएम मोदी और तमाम नेता G20 की बातें करते दिखेंगे। लेकिन इसके पीछे उनका कोई करिश्मा नहीं है।
एक साल के लिए G20 की अध्यक्षता भारत के पास आई थी। नई दिल्ली में इसका आयोजन किया गया था। हालांकि चीन और रूस के राष्ट्रपति इसमें शामिल नहीं हुए। लेकिन उसके बाद भी भारत की चर्चा सारे विश्व में हुई। जो बाइडन इसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी के बुलावे पर आए थे। पीएम मोदी ने एक ही दिन में जो बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ के साथ वार्ता की।
सम्मेलन के इतर भारत की 15 देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत हुई। अमेरिका से बातचीत के दौरान 31 ड्रोन खरीदने के लिए भारत की ओर से अनुरोध पत्र दिया गया। मोदी और बाइडन ने कहा कि दोनों सरकारें स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर काम करती रहेंगी। दोनों देश सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन के लिए काम करेंगे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और पीएम मोदी के साथ बातचीत में मुक्त व्यापार समझौते के साथ ही दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार और निवेश में तेजी लाने की प्रतिबद्धता जताई गई। पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति के लिए लगातार कोशिशें की जाती रहें। उनका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र जब शुरू हुआ था तब मुट्ठी भर देश थे लेकिन आज इसके सदस्यों की तादाद 200 के पार है।