लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारी में जुटे विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A अपनी तीन बैठकों के बाद अब देशभर में सीट बंटवारे और सभी सहयोगियों दलों के मतभेदों को दूर करने की जुगत में लगा है। I.N.D.I.A गठबंधन की समन्वय और चुनाव रणनीति समिति (Coordination and Election Strategy Committee) की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली में शरद पवार के घर होने वाली है। इस बैठक में इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति से लेकर लोकसभा के विशेष सत्र को लेकर चर्चा से जुड़े खास मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
एनसीपी चीफ शरद पवार के घर होनी वाली बैठक में पहले के प्रस्तावित मुद्दों पर निर्णय लिए जा सकते हैं। जिनमें संयुक्त रैली योजना पर भी चर्चा हो सकती है, लेकिन अहम बिन्दु सीट बंटवारा ही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर इंडिया गठबंधन में कहीं दरार आ सकती है तो एक यही मुद्दा है जिसको बड़ी वजह माना जा सकता है।
कई दलों के नेता जिनमें टीएमसी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (एसपी), और आम आदमी पार्टी शामिल हैं यह महसूस करते हैं कि सीट बंटवारा एक बड़ा मुद्दा है और चाहते हैं कि गठबंधन उस फॉर्मूले को अंतिम रूप देने में तत्परता दिखाए जिसके आधार पर इस पर निर्णय लिया जा सके।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वरिष्ठ विपक्षी नेता का कहना है कि फिलहाल सोशल मीडिया, मीडिया, अभियान की प्लानिंग और दूसरे मुद्दों पर चर्चा की जानी है और सीट बंटवारे का मुद्दा भी जल्द सामने रखा जाएगा।
शरद पवार के आवास पर होने वाली बैठक में के सी वेणुगोपाल (कांग्रेस), टीआर बालू (डीएमके), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा), संजय राउत (शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे), तेजस्वी यादव (राजद), राघव चड्ढा (आप), जावेद अली खान (सपा), लल्लन सिंह (जेडी-यू), डी राजा (सीपीआई), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), और महबूबा मुफ्ती (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में संयुक्त अभियान योजना पर भी चर्चा होने वाली है। इस प्रस्ताव के मुताबिक देश भर में कम से कम पांच रैलियां INDIA गठबंधन करने वाला है। अभियान समिति ने प्रस्ताव दिया है कि चेन्नई, गुवाहाटी, दिल्ली, पटना और नागपुर में संयुक्त रैलियां आयोजित की जानी चाहिए। गठबंधन के एक नेता के मुताबिक विचार यह था कि हर रैली में एक मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और अभियान समिति ने उन राज्यों और उत्तर प्रदेश में संयुक्त रैलियों का भी प्रस्ताव रखा है जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
यह बैठक डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा शुरू किए गए सनातन धर्म विवाद की पृष्ठभूमि में हो रही है। ज़्यादातर विपक्षी दल उदयनिधि की टिप्पणियों से परेशान हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे भाजपा को अनावश्यक रूप से गठबंधन पर हमला करने और इसे हिंदू विरोधी के रूप में बताने का मौका मिल गया, जो एकदम गलत है।