दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले बड़ा फैसला करते हुए एक बार फिर राजधानी में पटाखों पर बैन लगा दिया है। दिवाली से पहले ही पूर्ण रूप से प्रतिबंधन का ऐलान कर दिया गया है। पिछले साल भी सरकार ने इसी तर्ज पर बैन लगा दिया था। लेकिन पिछली बार की तरह एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी द्वारा याचिका दायर की गई। उस याचिका में प्रतिबंध को हटाने की मांग हुई।
अब सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी की याचिका को खारिज कर दिया है, जोर देकर कहा गया है कि पटाखों पर से बैन नहीं हटाया जा सकता है। मनोज तिवारी को यहां तक नसीहत दी गई है कि उन्हें जश्न मनाने के दूसरे तरीके खोजने चाहिए। इसके बाद बीजेपी नेता ने तर्क दिया कि दिल्ली में ग्रीन क्रैकर्स पर कोई रोक नहीं है, इस पर कोर्ट साफ कर दिया कि लोकल लेवल पर कोई भी हस्तक्षेप उनकी तरफ से नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यहां तक कह दिया कि बीजेपी नेता उस राज्य में जा सकते हैं जहां पर पटाखों पर बैन ना हो, लेकिन दिल्ली से प्रतिबंध नहीं हटने वाला। जिस समय सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई हो रही थी, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुईं वकील ने सिर्फ इतना बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन क्रैकर्स को इजाजत दी गई है। वहां भी अगर नियमों का पालन नहीं होता है तो दुकानदार के लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस साल 11 सितंबर को पटाखों पर बैन लगा दिया था। सर्दियों में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वो फैसला लिया गया था। पिछले कुछ सालों से इसे लेकर सरकार सख्त हो गई है, तमाम तरह की आपत्तियों के बावजूद भी इसमें ढिलाई नहीं दी जा सकती है।