दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की दो मस्जिदों को हटाए जाने से जुड़े मामलों को लेकर रेलवे को रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। दरअसल रेलवे ने तिलक मार्ग और बाबर रोड पर मौजूद दो मस्जिदों को हटाने के लिए नोटिस चिपकाए हैं, नोटिस में कहा गया है कि यह मस्जिदें रेलवे की जमीन पर हैं। कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया है कि नोटिस से संबंधित रिकॉर्ड पेश किया जाए। जस्टिस प्रतीक जालान ने प्रशासन को दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है।
वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि तिलक मार्ग पर रेलवे ब्रिज के पास मस्जिद तकिया बब्बर शाह और मस्जिद बच्चू शाह जिसे बंगाली मार्केट मस्जिद भी कहा जाता है अनधिकृत नहीं हैं और यह जमीन रेलवे की नहीं है। .
याचिका में कहा गया है कि बंगाली मार्केट मस्जिद लगभग 250 साल पुरानी है और तिलक मार्ग मस्जिद 400 साल पुरानी है इसलिए उनकी दीवारों पर चिपकाए गए नोटिस रद्द किए जाने चाहिए।
कोर्ट ने रेलवे के वकील पूछा कि क्या वह इस बात से आश्चर्यचकित नहीं हैं कि नोटिस बिना किसी डिटेल के चिपकाए गए हैं, ना नोटिस पर तारीख है ना डिटेल। इसके बाद जालान ने निर्देश दिया कि संबंधित रिकॉर्ड भी अदालत में लाया जाए। न्यायाधीश ने कहा, ”मैं देखना चाहता हूं कि रेलवे प्रशासन संपत्ति, तारीख का उल्लेख किए बिना कैसे नोटिस जारी कर रहा है।”
इसके जवाब में वकील ने कहा कि नोटिस रेलवे अधिकारियों द्वारा जारी किए गए थे और पूरी जानकारी के बाद किया गया था। वकील ने कहा,“मुझे एक हलफनामा दाखिल करने दीजिए, मैंने रिकॉर्ड चेक किया, सभी को पूरी जानकारी देने के बाद नोटिस चिपकाया गया था।” 26 जुलाई को अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें रेलवे को दो मस्जिदों पर चिपकाए गए नोटिस के मुताबिक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
यह देखते हुए कि चस्पा किए गए नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे, उस प्राधिकरण का उल्लेख नहीं किया गया था जिसके तहत उन्हें जारी किया गया था अदालत ने केंद्र के वकील से निर्देश लेने के लिए कहा था कि क्या यह रेलवे द्वारा जारी किया गया था।