कुत्तों के काटने के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आए दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक को कुत्ते के काटने की खबरें सामने आती हैं। विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट्स तक ये मसला उठ चुका है। हाल ही में गाजीयाबाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें कुत्ते के काटने की वजह से 14 साल के बच्चे ने अपने पिता की गोद में दम तोड़ा था। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
कुत्तों के काटने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में उठा है। सोमवार को वकील कुणाल चटर्जी हाथों में पट्टी बांधकर CJI के सामने पेश हुए। कुणाल के हाथ में पट्टी देखकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, “क्या हुआ है, पट्टी क्यों बंधी है?” इस पर कुणाल ने कहा कि 5 कुत्तों ने एक साथ मेरे ऊपर हमला बोल दिया, जिससे मैं घायल हो गया। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों के हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट को कोई दिशा निर्देश देना चाहिए, क्योंकि हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसला दिया है।
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने वकील से पूछा कि अगर आपको कोई मेडिकल मदद चाहिए तो वो रजिस्ट्रार को इसके लिए कह सकते हैं। इसी दौरान वहां बैठे जस्टिस नरसिम्हा ने कुत्तों के हमले को लेकर कहा कि ये एक गंभीर खतरा बन गया है।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि हाल ही में यूपी का एक वीडियो वायरल हुआ था कि एक कुत्ता एक मासूम बच्चे को काट रहा है। हम कुत्ता काटने के बाद ज्यादा इलाज पर ध्यान नहीं देते, जबकि ये बहुत गंभीर समस्या है। कुत्ता काटने के बाद रेबीज के लक्षण उभर जाएं तो अस्पताल में डॉक्टर भी हाथ खड़े कर देते। इस मामले में भी यही हुआ। अस्पताल में इसका कोई इलाज नहीं था, लिहाजा मासूम का अपने पिता की गोद में ही दम टूट गया। इसके बाद सीजेआई ने बताया कि दो साल पहले उनके एक लॉ क्लर्क पर भी कार पार्क करते समय आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था।
वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया भी कोर्ट और इस चर्चा में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अदालत को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। सीजेआई चंद्रचूड़ से सड़क पर कुत्तों के हमलों की समस्या पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इस पर गौर करेंगे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कोई आदेश नहीं दिया है।
गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में चरण सिंह कॉलोनी के 14 साल के किशोर की 4 सितंबर को मौत हो गई थी। परिजनों ने दावा किया कि बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोसी महिला के कुत्ते ने काट लिया था। तब बच्चे ने डर की वजह ये बात फैमिली को नहीं बताई और रेबीज फैल गया। इस वजह से उसकी मौत हो गई।
मृतक बच्चे के परिजनों ने मामले में पड़ोसी महिला सुनीता सहित उनके परिवार के चार सदस्यों पर लापरवाही से मौत का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था इसलिए फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि उसकी मौत रेबीज की वजह से हुई थी।