भारत में G-20 शिखर सम्मेलन खत्म हो गया। इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के पास थी और उसने सफलतापूर्वक संपन्न कराया। कनाडा भी जी-20 का एक अहम सदस्य है, लेकिन कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी लगातार भारत विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के साथ बैठक की और इस दौरान उन्होंने भी कनाडा में हो रही भारत विरोधी गतिविधियों पर अपना विरोध दर्ज कराया।
जस्टिन ट्रूडो ने तो आश्वासन दिया कि वह इस तरह के हिंसक प्रदर्शन पर रोक लगाएंगे लेकिन रविवार को कनाडा में एक बार फिर खालिस्तानियों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किया। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में एक गुरुद्वारे में खालिस्तान की मांग को लेकर सिख फॉर जस्टिस संगठन ने जनमत संग्रह कराया।
ब्रिटिश कोलंबिया में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा स्थित है और यहीं पर जनमत संग्रह कराया गया। बता दे कि इस गुरुद्वारे का प्रमुख खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर था। उसकी 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए सिख फॉर जस्टिस ने भारत को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि अभी तक मामले की जांच कर रही टीम ने किसी को हत्या के मकसद के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है और ना ही इस मामले में किसी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 29 अक्टूबर को सिख फॉर जस्टिस संगठन ने एक और जनमत संग्रह करने का ऐलान किया है। यह जनमत संग्रह एक स्कूल में किया जाएगा। इस जनमत संग्रह के दौरान सिख वोट भी डाल सकेंगे।
रविवार को G20 सम्मेलन खत्म होने के बाद पीएम मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो की मुलाकात हुई थी। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इन मुद्दों में मानव तस्करी, ड्रग सिंडिकेट और खालिस्तान प्रदर्शन भी शामिल था। इस दौरान पीएम मोदी को ट्रुडो ने आश्वासन दिया कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन का पक्षधर रहा है लेकिन हिंसा का समर्थन कभी नहीं करता है।