G-20 शिखर सम्मेलन खत्म हो गया है। वहीं सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वक्त के साथ बदलाव करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह अपनी प्रासंगिकता खो देगा। वहीं इसके बाद तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने भी प्रतिक्रिया दी।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कहा कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत को स्थायी सीट मिलने पर हमें गर्व होगा लेकिन आपको यह समझना होगा कि दुनिया पांच देशों से अधिक बड़ी है। जब हम कहते हैं दुनिया पांच से बड़ी है तो हमारा मतलब केवल अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस से बड़ी है। बल्कि हम जो कहते हैं वह सभी के बारे में है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने आगे कहा, “हम जो कहते हैं वह सभी के बारे में है। हमारे पास केवल स्थायी सदस्य ही होने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में कुल 195 देश हैं और सभी स्थायी होने चाहिए और इसको एक रोटेशनल सिस्टम के आधार पर काम करना चाहिए। जो भी सदस्य संयुक्त राष्ट्र में शामिल हैं उन्हें रोटेशनल सिस्टम पर काम करना चाहिए। अगर हम इस सिस्टम पर काम करेंगे तो सभी 195 देश इसके स्थायी सदस्य होंगे और यही हमारा प्रस्ताव है।”
कॉरिडोर को लेकर एर्दोगान ने कहा, “जहां तक कॉरिडोर को लेकर हमारे काम की बात है तो सबसे पहले इसमें खाड़ी देशों को शामिल किया गया है। इराक भी इसका हिस्सा है। ऐसे गलियारे के संबंध में विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात, इराक और तुर्की संवेदनशील और तेजी से काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस परियोजना को लागू करने में सक्षम हों। हम इस पर काम कर रहे हैं और जैसा कि हम बोलते हैं, हमारे विदेश मंत्री और परिवहन मंत्री एक साथ काम करते हैं। हम आने वाले कुछ महीनों में इसे लागू करने का प्रयास करेंगे।”
तुर्की के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर साउथ एशिया में है और हम इकोनॉमी से लेकर हर एक क्षेत्र में ट्रेड कर रहे हैं।